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विदेशी ताकतों को बल दे रहे देशी हत्थे : गोविंदाचार्य

कभी भाजपा के थिंक टैंक रहे गोविंदाचार्य का कहना है कि कुल्हाड़ी में लकड़ी का हत्था जुड़ता है तो ही वह पेड़ काट पाती है। इसी तरह विदेशी आर्थिक ताकतों को देशी हत्थे मजबूत कर रहे हैं। उन्होंने युवाओं से स्वदेशी अपनाने और जाति-धर्म और साम्प्रदायिकता को भुलाकर रोटी, रिहायश

By Kamal VermaEdited By: Published: Thu, 26 Feb 2015 09:00 PM (IST)Updated: Thu, 26 Feb 2015 09:43 PM (IST)
विदेशी ताकतों को बल दे रहे देशी हत्थे : गोविंदाचार्य

बिजनौर। कभी भाजपा के थिंक टैंक रहे गोविंदाचार्य का कहना है कि कुल्हाड़ी में लकड़ी का हत्था जुड़ता है तो ही वह पेड़ काट पाती है। इसी तरह विदेशी आर्थिक ताकतों को देशी हत्थे मजबूत कर रहे हैं। उन्होंने युवाओं से स्वदेशी अपनाने और जाति-धर्म और साम्प्रदायिकता को भुलाकर रोटी, रिहायश और रिश्तों का संबंध बनाने का आह्वान किया।

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आरवीआइटी में 'भविष्य का भारत कैसा हो' विषय पर गोष्ठी में गोविंदाचार्य ने कहा कि विदेशी ताकतों से लड़ना आसान है, लेकिन विदेशी कुल्हाड़ी में जुड़े देशी जत्थों से बड़ा खतरा है। बदलाव के लिए स्वयं से शुरुआत करनी होगी। उन्होंने कहा कि जाति-धर्म को भुलाकर आपस में रोटी, रिहायश और रिश्तों का संबंध बनाना होगा। स्वदेशी अपनाने की सीख देते हुए उन्होंने कहा कि बहुत ही मुसीबत हो तो ही विदेशी वस्तुओं का इस्तेमाल करें। गलत तरीके से अमीर बनने के लालच पर लगाम लगानी होगी। हम एक रहेंगे और नेक बनेंगे तो ही देश का विकास होगा।

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