Move to Jagran APP

आज आसमान की तरफ जरूर देखें, चूक गए तो अगला मौका 483 साल बाद

एक बड़ा सा क्षुद्रग्रह आज हमारी धरती के करीब से गुजरने वाला है। इस क्षुद्रग्रह का नाम फ्लोरेंस है। अगर आपकी भी अंतरिक्ष विज्ञान में रुचि है तो अपने दूरबीन के साथ तैयार हो जाएं।

By Digpal SinghEdited By: Published: Fri, 01 Sep 2017 03:33 PM (IST)Updated: Fri, 01 Sep 2017 03:47 PM (IST)
आज आसमान की तरफ जरूर देखें, चूक गए तो अगला मौका 483 साल बाद
आज आसमान की तरफ जरूर देखें, चूक गए तो अगला मौका 483 साल बाद

नई दिल्ली, [स्पेशल डेस्क]। आज शुक्रवार 1 सितंबर है और यह दिन अंतरिक्ष विज्ञान में रुचि रखने वालों के लिए खास है। जी हां आज एक ऐसी खगोलीय घटना होने वाली है, जिसके इंतजार में तमाम अंतरिक्ष विज्ञानी रहते हैं। एक बड़ा सा क्षुद्रग्रह (एस्टेरॉइड) हमारी धरती के करीब से गुजरने वाला है। इस क्षुद्रग्रह का नाम फ्लोरेंस है। अगर आपकी भी अंतरिक्ष विज्ञान में रुचि है तो अपने दूरबीन के साथ तैयार हो जाएं।

loksabha election banner

क्यों है खास...?

फ्लोरेंस धरती की कक्षा से सुरक्षित निकल जाएगा। यह हमारी पृथ्वी से करीब 70 लाख किलोमीटर की दूरी से 40,508 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से गुजरेगा। बता दें कि यह दूरी धरती और चांद के बीच की कुल दूरी से करीब 18 गुना ज्यादा है। ज्ञात हो कि एस्टेरॉइड फ्लोरेंस पृथ्वी के करीब के उन सबसे बड़े क्षुद्रग्रहों में शामिल है, जिनका आकार कई मील का है। जब से रिकॉर्ड मिलता है, तब से नासा द्वारा खोजा गया गया सबसे विशाल क्षुद्रग्रह है। नासा के स्पिटजर स्पेस टेलीस्कोप और नियोवाइज मिशन के अनुसार, इसका आकार लगभग 4.4 किलोमीटर का है।

आप भी देख सकते हैं

फ्लोरेंस इतना बड़ा है कि इसे आप भी आसानी से देख सकते हैं। हालांकि चांद की रोशनी थोड़ी-बहुत बांधा पहुंचा सकती है, लेकिन छोटी-मोटी दूरबीन से इसे देखा जा सकता है। दुनियाभर में कई संस्थाएं इस खगोलीय घटना को लाइव दिखा रही हैं।

1890 के बाद पहली बार इतने करीब

सन 1890 के बाद पहली बार फ्लोरेंस धरती के इतने करीब आ रहा है। धरती के नजदीक से जाते वक्त इसकी चमक लगभग नौ मैग्नीट्यूट होगी और इसके वास्तविक स्वरूप का पता चल पाएगा। अगर आपने यह मौका गंवा दिया तो इसके बाद यह करीब 483 साल बाद वर्ष 2500 में एक बार फिर पृथ्वी के नजदीक आएगा। पांच सितंबर तक इसका ऑब्जरवेशन जारी रहेगा।

क्षुद्रग्रहों के बारे में यह सब जानते हैं आप?

पहला क्षुद्रग्रह 1801 में देखा गया था। इसका नाम सेरेस था और उसे खोजने वाले थे गिसेपी पियाजी। फिलहाल हमारे सौरमंडल में 6 लाख से ज्यादा ज्ञात क्षुद्रग्रह हैं। इनमें से ज्यादातर क्षुद्रग्रह एस्टेरॉइड बेल्ट में ही चक्कर लगाते रहते हैं। इनमें से ज्यादातर क्षुद्रग्रह मंगल और बृहस्पति के बीच सूर्य का चक्कर लगाते रहते हैं।

कभी-कभार क्षुद्रग्रह छिटक कर सौरमंडल की कक्षा में भीतर की ओर आ जाते हैं। फ्लोरेंस भी लाखों करोड़ों साल पहले छिटका हुआ ऐसा ही लघु ग्रह है। भारतीय तारा भौतिक संस्थान बंगलुरू के वरिष्ठ खगोल वैज्ञानिक प्रो. आरसी कपूर ने बताया कि फ्लोरेंस को साल 1981 में ऑस्ट्रेलिया के वैज्ञानिकों ने खोजा था।

धरती के सबसे बड़े दुश्मन हैं ये पिंड

वैज्ञानिकों का मानना है कि करीब साढ़े छह करोड़ साल पहले धरती से विशालकाय डायनासोरों का खात्मा करने वाले लघुग्रह का आकार फ्लोरेंस से लगभग दोगुना रहा होगा। धरती को सबसे बड़ा खतरा सौर मंडल में मंडराते इन्हीं एस्ट्रॉइड से है। मंगल या बृहस्पति के गुरुत्वाकर्षण के प्रभाव के कारण वे धरती व अन्य ग्रहों के नजदीक आते रहते हैं और कभी बार टकरा भी जाते हैं। बता दें कि मैक्सिको की खाड़ी इसी तरह के क्षुद्रग्रह के टकराने से बनी है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.