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जानें, राजस्थान के इस गांव के लोग क्यों नहीं बनाते हैं पक्का मकान

राजस्थान के अजमेर का एक ऐसा गांव जहां आज भी मिट्टी के घर बने हुए हैं। लोगों का मानना है कि पक्का मकान बनाने पर यहां आपदा आ जाती है।

By Manish NegiEdited By: Published: Sat, 28 May 2016 08:53 AM (IST)Updated: Sun, 29 May 2016 10:09 AM (IST)
जानें, राजस्थान के इस गांव के लोग क्यों नहीं बनाते हैं पक्का मकान

अजमेर। राजस्थान के अजमेर का देवमाली गांव। 21वीं सदी में ये गांव किसी मध्ययुगीन काल की याद दिलाता है। यह गांव विकास और आधुनिकीकरण से कोसों दूर है। आज के समय में कई गांवों में आपको पक्के घर देखने को मिलेंगे लेकिन इस गांव में आज भी मिट्टी के गांव बने हैं।

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जानिए क्यों इस गांव में 'मान्यता' के डर से नहीं बनते पक्के मकान

टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी खबर के मुताबिक गांव के लोगों का मानना है कि पक्का मकान बनाने पर आपदा आ जाएगी। गांव की सभी रसोई में मिट्टी से बने चूल्हे हैं और तो और जिन घरों में बिजली कनेक्शन है उनमें ना तो एयर कूलर का इस्तेमाल होता है और ना ही एयर कंडीशनर का। गांव में किसी भी घर को बनाने में पत्थर या लोहे का इस्तेमाल नहीं किया गया।

एक ग्रामीण ने बताया कि "कुछ लोगों ने यहां घर बनाने के लिए पत्थर का इस्तेमाल किया था लेकिन एक हफ्ते के अंदर ही उनका मकान ढह गया।"

हालांकि देवामाली के कुछ लोगों ने आस-पास के गांवों में पक्के घर बना लिए हैं। लेकिन वो अभी भी देवमाली में बने कच्चे घरों में ही रह रहे हैं। गांववाले अपनो घरों पर ताला भी नहीं लगाते। पुलिस के मुताबिक पिछले 50 सालों में यहां चोरी या सेंधमारी की घटना नहीं हुई है।

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गांव के ही रामनारायण गुज्जर बताते हैं कि "गांव के लोग अपने देवता देव नारायण के प्रति समर्पित है। इसी कारण हम इस आधुनिक दौर में भी उनकी तालीम पर अलम करते हैं। यहां तक कि युवाओं को भी यहां के नियम को तोड़ने की इजाजत नहीं है।"

गुज्जर आगे कहते हैं कि "हम में से कई लोग किसान है लेकिन किसी के भी पास अपनी खुद की जमीन नहीं है। गांव में बसे 80 परिवारों में एक भी शख्स शराब या मांस का सेवन नहीं करता है। हम सभी पारंपरिक रीति रिवाजों को अपना रहे हैं। इसके चलते गांव में एक भी पक्का मकान नहीं है। गांव की एक-एक इंच जमीन भगवान देव नारायण के नाम पर दर्ज है।"

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