गुर्जरों ने मनाया जश्न, दिल्ली-मुंबई रेल मार्ग बहाल
राजस्थान में आठ दिनों तक चले गुर्जर आरक्षण आंदोलन के समाप्त होते ही शुक्रवार को दिल्ली-मुंबई रेल मार्ग व जयपुर-आगरा राष्ट्रीय राजमार्ग बहाल हो गया। गुर्जर बाहुल्य क्षेत्रों में गुर्जरों ने सरकारी नौकरियों में पांच फीसद आरक्षण मिलने के आश्वासन की खुशी में मिठाइयां बांटी और भोज का आयोजन किया।
जागरण संवाददाता, जयपुर। राजस्थान में आठ दिनों तक चले गुर्जर आरक्षण आंदोलन के समाप्त होते ही शुक्रवार को दिल्ली-मुंबई रेल मार्ग व जयपुर-आगरा राष्ट्रीय राजमार्ग बहाल हो गया। गुर्जर बाहुल्य क्षेत्रों में गुर्जरों ने सरकारी नौकरियों में पांच फीसद आरक्षण मिलने के आश्वासन की खुशी में मिठाइयां बांटी और भोज का आयोजन किया।
रेल मार्ग पर दौसा से भरतपुर के बीच पटरियों को रेलवे के अधिकारियों व कर्मचारियों ने जांचा और उसके बाद ट्रेनों का संचालन शुरू हुआ। रेलवे पटरी पर कब्जा जमाए बैठे गुर्जर आंदोलनकारियों ने कई स्थानों पर पटरियां उखाड़ दी थीं।
आरक्षण को लेकर राजस्थान सरकार से समझौता होने के बाद गुर्जर नेता कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला गुरुवार देर रात पीलूपुरा पहुंचे और गुर्जर समाज के लोगों को समझौते की जानकारी देते हुए रेलवे पटरी व राष्ट्रीय राजमार्ग से कब्जा हटाने को कहा। इसके बाद प्रदर्शनकारी वहां से हट गए। भरतपुर, करौली, दौसा व अलवर जिलों में गुर्जरों ने कई स्थानों पर भोज का आयोजन किया।
गौरतलब है कि आंदोलन के दौरान ट्रेन व वाहनों का संचालन बंद रहा, जिससे लोगों को काफी परेशानी हुई। हाई कोर्ट ने दो बार सरकारी अधिकारियों को मार्ग खुलवाने के लिए कड़ी फटकार लगाई। अंतत: गुर्जर नेताओं व सरकार के बीच समझौता हो गया। इसके अनुसार, सरकार गुर्जरों को अति पिछड़ा वर्ग में पांच फीसद आरक्षण का अलग से विधानसभा में विधेयक लाएगी, फिर केंद्र सरकार को भेजकर इसे 9वीं अनुसूची में डलवाया जाएगा।
सवर्णों को भी आरक्षण
राजस्थान सरकार ने गुर्जरों के साथ अगड़ी जातियों को भी 14 फीसद आरक्षण देने के लिए अलग से विधेयक लाने की घोषणा की है।
व्यापारियों ने बंद रखी दुकानें
इस बीच आंदोलन के दौरान हुए नुकसान को लेकर व्यापारियों ने अपनी दुकानें बंद रखीं। व्यापारी सरकार से मुआवजे की मांग कर रहे हैं।
रेलवे को 128 करोड़ का नुकसान
हाई कोर्ट में राजस्थान सरकार के मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक और रेलवे के कोटा मंडल के डीआरएम पेश हुए और इस मामले में कार्रवाई का हलफनामा पेश किया। रेलवे के अधिकरियों ने बताया कि आठ दिन के इस आंदोलन से रेलवे को 127.83 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है और 121 ट्रेनें प्रभावित हुई हैं।