Move to Jagran APP

फिर उठी अफजल गुरु के अवशेष लौटाने की मांग

फांसी के बाद याकूब मेमन के शव को उसके परिजनों के सौंपे जाने के बाद जम्मू कश्मीर में अफजल गुरु के अवशेष उसके परिजनों को सौंपने की मांग एक बार फिर से उठने लगी है। गौरतलब है कि 9 फरवरी 2013 को तिहाड़ जेल में फांसी दिए जाने के बाद

By Sudhir JhaEdited By: Published: Sat, 01 Aug 2015 12:24 PM (IST)Updated: Sat, 01 Aug 2015 03:49 PM (IST)
फिर उठी अफजल गुरु के अवशेष लौटाने की मांग

श्रीनगर। फांसी के बाद याकूब मेमन के शव को उसके परिजनों के सौंपे जाने के बाद जम्मू कश्मीर में अफजल गुरु के अवशेष उसके परिजनों को सौंपने की मांग एक बार फिर से उठने लगी है। गौरतलब है कि 9 फरवरी 2013 को तिहाड़ जेल में फांसी दिए जाने के बाद अफजल गुरु को जेल परिसर में ही दफन कर दिया गया था। उस समय की यूपीए सरकार ने अफजल के अवशेषों को उसके परिवार को सौंपने से इन्कार कर दिया था। कश्मीर घाटी में इसे लेकर विरोध प्रदर्शन की आशंका को देखते हुए अवशेष देने से मना किया गया था।

loksabha election banner

अफजल के परिजनों का कहना है कि उसके परिवार के किसी सदस्य को आखिरी समय में उससे मिलने नहीं दिया गया था न ही किसी को उसके अंतिम संस्कार में भाग लेने की इजाजात दी गई थी। इस बारे में नेशनल कांफ्रेंस का कहना है कि यह बात बिल्कुल उचित नहीं है कि अफजल के बेटे गालिब को उससे आखिरी समय में मिलने नहीं दिया गया।

नेशनल कांफ्रेंस के प्रवक्ता आगा सईद रुहुल्ला मेंहदी ने कहा कि यह न्यायोचित नहीं है कि अफजल गुरु के शव को उसके परिवारवालों को नहीं सौंपा गया जबकि याकूब मेमन के शव को उसके परिवारवालों को सौंपा गया। गौरतलब है कि अफजल गुरु को जब फांसी दी गई उस समय जम्मू कश्मीर में नेशनल कांफ्रेंस का शासन था। इस बात को लेकर प्रदेश की जनता की ओर से सरकार को काफी विरोध झेलना पड़ा था। उस समय के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी अफजल गुरु के अवशेष लौटाने के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को पत्र लिखा था।

आवामी इत्तेहाद पार्टी के प्रमुख शेख अब्दुल रशीद ने कहा कि केंद्र जम्मू कश्मीर के लोगों को सेकेंड ग्रेड नागरिक की तरह से ट्रीट करता है।

पढ़ेंः उमर बोले, सियासी वजह से अफजल को दी गई फांसी, शिंदे ने नकारा


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.