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कंपनी खोलने के लिए पिता को कार में फूंका

संपत्ति पाने के लालच में बेटे ने पिता की हत्या कर दी। घटना को हादसे का रूप देने के लिए उसने योजना के तहत शव को कार में रख कर कापसहेड़ा क्षेत्र में लाकर उसमें आग लगा दी। मृतक की पहचान कीर्तिनगर निवासी सुभाष बवेजा के रूप में हुई। आरोपी

By Sachin kEdited By: Published: Sat, 30 May 2015 03:09 AM (IST)Updated: Sat, 30 May 2015 10:43 AM (IST)
कंपनी खोलने के लिए पिता को कार में फूंका

जागरण संवाददाता, पश्चिमी दिल्ली। संपत्ति पाने के लालच में बेटे ने पिता की हत्या कर दी। घटना को हादसे का रूप देने के लिए उसने योजना के तहत शव को कार में रख कर कापसहेड़ा क्षेत्र में लाकर उसमें आग लगा दी। मृतक की पहचान कीर्तिनगर निवासी सुभाष बवेजा के रूप में हुई। आरोपी का नाम अभिनव बवेजा है।

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दक्षिण पश्चिम जिला के पुलिस उपायुक्त आरए संजीव ने बताया कि 28 मई की सुबह साढ़े नौ बजे पुलिस को कापसहेड़ा के कृपा फार्म के पासएस्टीम कार में आग लगने की जानकारी मिली। मौके पर छानबीन के दौरान पुलिस को कार की ड्राइविंग सीट पर जली हुई लाश मिली। छानबीन में पुलिस को मामला संदिग्ध लगा।

कापसहेड़ा थाना पुलिस ने हत्या और सुबूत छिपाने का मामला दर्ज कर जांच शुरू की। पुलिस ने कार नंबर के जरिये मृतक की पहचान कीर्ति नगर निवासी सुभाष बवेजा (65) के रूप में की। सुभाष तीस हजारी कोर्ट में वकालत करते थे। सुभाष छोटे बेटे अभिनव बवेजा के साथ कीर्ति नगर में रहते थे। पुलिस ने सुभाष के घर के आसपास रहने वाले लोगों से पूछताछ की। इसमें पता चला कि सुभाष का बेटे के साथ अक्सर झगड़ा होता था। पुलिस ने अभिनव की तलाश की, लेकिन वह घर से गायब था और उसके मोबाइल का स्विच ऑफ था। शक गहराने के बाद पुलिस ने देर शाम आरोपी को कीर्ति नगर से गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में उसने अपराध स्वीकार कर लिया।

अभिनव ने बताया कि वह एक पब्लिकेशन कंपनी में मैनेजर है। वह अपनी कंपनी खोलना चाहता था। उसने पिता से प्रॉपर्टी को उसके नाम करने के लिए कई बार कहा। वह प्रॉपर्टी को बेचकर कारोबार और अपने लिए मकान खरीदना चाहता था, लेकिन पिता प्रॉपर्टी को उसके नाम करने के पक्ष में नहीं थे। इस बात को लेकर उनके बीच झगड़ा होता था। 27 मई की रात बाप-बेटे में इस बात को लेकर कहासुनी हुई। इसी दौरान अभिनव ने बेसबॉल के बैट से मारकर पिता को जख्मी कर दिया और कपड़े से उनका गला घोंटकर हत्या कर दी।

उसके बाद वह एस्टीम कार में सुभाष की लाश को लेकर उसे ठिकाने लगाने के लिए गुडग़ांव के लिए रवाना हुआ, लेकिन ट्रैफिक ज्यादा होने की वजह से वह वापस कापसहेड़ा आकर सुनसान जगह पर कार में पिता के शव को ड्राइविंग सीट पर रखकर आग लगा दी। इसके पहले शव की पहचान छिपाने के लिए उसने शव से कपड़े व अन्य सभी सामानों को हटा दिया। पुलिस के मुताबिक कार के नंबर प्लेट को भी तोडऩे की कोशिश की गई थी, लेकिन यह पूरी तरह नहीं टूटी थी। बाद में चेचिस व कुछ अन्य नंबरों के सहायता से पुलिस ने एस्टीम कारों की जानकारी एकत्रित की और फिर उस रजिस्ट्रेशन नंबर के जरिये सुभाष की पहचान की।

बाद में आरोपी की निशानदेही पर पुलिस ने घटना में प्रयुक्त बेसबाल के बल्ले को भी बरामद कर लिया है। पुलिस के मुताबिक छानबीन के दौरान आसपास के लोगों ने पुलिस को बताया कि सुभाष अपने बेटे के साथ रहते तो जरूर थे, लेकिन उन्हें खुद खाना बनाकर खाना पड़ता था।

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