छाए रहेंगे बादल लेकिन नहीं होगी बारिश
राजधानी में लगातार दूसरे दिन भी जमकर बादल बरसे और इस कारण जगह-जगह जाम लगने के साथ जलभराव की भी समस्या सामने आई। राजधानी में सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ के कारण दिन भर रुक-रुककर बारिश होती रही लेकिन देर शाम मेघ जमकर बरसे।
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। राजधानी में लगातार दूसरे दिन भी जमकर बादल बरसे और इस कारण जगह-जगह जाम लगने के साथ जलभराव की भी समस्या सामने आई। राजधानी में सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ के कारण दिन भर रुक-रुककर बारिश होती रही लेकिन देर शाम मेघ जमकर बरसे।
मौसम विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार सोमवार की सुबह साढ़े आठ बजे तक 56.8 मिमी बारिश दर्ज की गई। जबकि साढ़े आठ बजे से शाम साढ़े पांच बजे तक 4 मिमी बारिश दर्ज की गई। मौसम विभाग का कहना है कि जम्मू-कश्मीर और हिमाचल में पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने से राजधानी में जमकर बारिश हुई। लेकिन अब पश्चिमी विक्षोभ का असर राजधानी में समाप्त हो चुका है ऐसे में आगामी दिनों में बारिश होने की संभावना कम है और मौसम साफ रहने की संभावना है।
सोमवार को अधिकतम तापमान 22.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया यह सामान्य से 5 डिग्री सेल्सियस कम था जबकि न्यूनतम तापमान 14.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, यह सामान्य से 2 डिग्री सेल्सियस अधिक रहा। आद्र्रता का स्तर अधिकतम 100 फीसद तथा न्यूनतम 75 फीसद दर्ज किया गया।
मौसम विभाग का कहना है कि पिछले पांच साल में कभी भी 2 मार्च को इतनी बारिश दर्ज नहीं गई थी। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों के मौसम के बारे में आंशिक रूप से बादल छाए रहने की संभावना व्यक्त की है। इस दौरान अधिकतम तापमान 22 डिग्री सेल्सियस तथा न्यूनतम तापमान 13 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है।
सेहत के लिए ठीक नहीं मौसम का यह मिजाज
मौसम के मिजाज में आया बदलाव सेहत के लिए ठीक नहीं है। इसके चलते स्वाइन फ्लू का प्रकोप कुछ और दिनों तक खींच सकता है। इसके अलावा वायरल बुखार के चपेट में भी लोग आ सकते हैं। ऐसे में लोगों की सेहत पर दोहरी मार पड़ सकती है। इसलिए बदले हुए मौसम में सेहत का विशेष ख्याल रखें। सोमवार को स्वाइन फ्लू के 111 मामले सामने आए।
हालांकि, अस्पतालों में इलाज के लिए पहुंचने वाले मरीजों की संख्या में कमी आई है। सोमवार को 440 लोगों ने जांच कराई, जिसमें 111 लोगों में स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई है। अब तक दिल्ली में 3110 मामले सामने आ चुके हैं।
माना जा रहा था कि मौसम का तापमान बढ़ने के साथ स्वाइन फ्लू का प्रकोप कम हो जाएगा। पिछले दिनों तापमान बढ़ने पर मामलों में कुछ कमी भी आई। लेकिन बारिश होने से तापमान में फिर कमी आ गई है। इसके चलते स्वाइन फ्लू का प्रकोप दोबारा बढ़ने की आशंका है।
बीएलके अस्पताल के मेडिसिन विभाग के वरिष्ठ सलाहकार डॉ. आरके सिंघल ने कहा कि स्वाइन फ्लू के अलावा अस्थमा के मरीजों की दिक्कतें भी बढ़ सकती हैं। इसलिए लोगों को अपने स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखना होगा।
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