पश्चिम बंगाल: निकाय चुनाव में तृणमूल का दबदबा
पश्चिम बंगाल में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पूर्व तृणमूल कांग्रेस ने एक बार फिर प्रदेश में अपनी धाक जमाई है। कोलकाता नगर निगम सहित प्रदेश के निकाय चुनावों में सत्ताधारी दल ने बंपर जीत हासिल की। एकतरफा चुनाव का आलम यह रहा कि अन्य दल उसके आसपास
कोलकाता [जागरण ब्यूरो]। पश्चिम बंगाल में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पूर्व तृणमूल कांग्रेस ने एक बार फिर प्रदेश में अपनी धाक जमाई है। कोलकाता नगर निगम सहित प्रदेश के निकाय चुनावों में सत्ताधारी दल ने बंपर जीत हासिल की। एकतरफा चुनाव का आलम यह रहा कि अन्य दल उसके आसपास भी नहीं फटके। तृणमूल ने कोलकाता निगम सहित 92 निकायों में से 72 पर कब्जा जमाया। पार्टी ने इसे विकास कार्य और मां, माटी, मानुष की जीत बताया तो विपक्षी दलों ने गणतंत्र की हत्या बताया।
प्रदेश में 18 व 25 अप्रैल को निकाय चुनाव हुआ था। इस दौरान व्यापक ङ्क्षहसा के बीच धांधली का आरोप तृणमूल पर लगा था। लेकिन मंगलवार सुबह मतगणना शुरू होते ही नतीजे तृणमूल कांग्रेस के पक्ष में आने लगे। कुल 92 निकायों के 1945 वार्डों में से 1331 तृणमूल के खाते में गए, जो करीब 68.43 फीसद रहा। वामो ने 280 वार्डों पर जीत हासिल की तो 184 पर कांग्रेस जबकि भाजपा को 66 वार्डों में जीत मिली।
इसके अलावा 84 वार्डों पर अन्य को जीत मिली। कोलकाता नगर निगम के 144 वार्डों में से 114 पर तृणमूल का ही कब्जा रहा, जबकि वामो को 16, भाजपा सात, कांग्रेस पांच व तीन वार्डों पर अन्य को विजय मिली। भाजपा को इस बार चार सीटों का फायदा हुआ है। भाजपा के खाते में एक भी नगर पालिका नहीं आई, जबकि वाममोर्चा व कांग्रेस ने पांच-पांच नगर पालिकाओं पर कब्जा जमाया है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपने कार्यकर्ताओं को भूकंप त्रासदी के चलते जीत का जश्न नहीं मनाने का निर्देश दिया है।
'यह जीत अच्छे कार्यों की है। लोगों का तृणमूल पर विश्वास है। कुप्रचार के चलते विपक्षी दलों को एक भी सीट नहीं मिलनी चाहिए थी।' -ममता बनर्जी, मुख्यमंत्री, पश्चिम बंगाल
संघीय ढांचे को नष्ट करना चाहती है मोदी सरकार : ममता कोलकाता : निकाय चुनाव में जीत से उत्साहित ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा। मुख्यमंत्री ने कहा, मोदी सरकार देश के संघीय ढांचे को नष्ट करने की कोशिश कर रही हंै। केंद्र सरकार क्षेत्रीय दलों को घेरने की कोशिश कर रहा है। तृणमूल जैसी गरीब पार्टी के खिलाफ सीबीआइ, ईडी और इनकम टैक्स विभाग का प्रयोग कर रही है। इधर, निकाय चुनाव परिणाम आने के बाद तृणमूल समर्थकों ने राज्य के कई शहरों में तांडव मचाया। उन्होंने भाजपा-वामो समर्थकों के घर व दुकानों पर तोडफ़ोड़ की और महिलाओं से छेड़छाड़ की गई। कई कार्यकर्ताओं के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया है।