अमित शाह बोले वादा पूरा किया, एंटनी ने कहा धोखा
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने बहुप्रतीक्षित 'वन रैंक वन पेंशन' लागू करने संबंधी सरकार के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व सैनिकों से किया अपना वादा पूरा कर दिया है। वहीं कांग्रेस ने भी ओआरओपी का
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने बहुप्रतीक्षित 'वन रैंक वन पेंशन' लागू करने संबंधी सरकार के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व सैनिकों से किया अपना वादा पूरा कर दिया है। वहीं कांग्रेस ने भी ओआरओपी का श्रेय लेने की कोशिश करते हुए मौजूदा सरकार पर पूर्व सैनिकों के साथ धोखा करने का आरोप लगाया है।
भाजपा अध्यक्ष ने ओआरओपी पर सरकार के फैसले का श्रेय लेते हुए कांग्रेस पर निशाना भी साधा। शाह ने कहा कि कांग्रेस ने जिस तरह ओआरओपी को लागू करने का फैसला किया था, वह पूर्व सैनिकों के साथ मजाक था। मोदी सरकार ने वादे के मुताबिक ओआरओपी लागू कर पूर्वसैनिकों को आर्थिक सुरक्षा दी है। इससे पूर्व सैनिकों को नौ से 10 हजार करोड़ रुपये मिलेंगे।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने ओआरओपी के लिए मात्र 500 करोड़ रुपये का आवंटन किया था। 1973 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने पेंशन को वेतन के 70 प्रतिशत से घटाकर 50 प्रतिशत कर दिया था। तब से ओआरओपी की मांग चल रही है। प्रधानमंत्री ने चुनाव के दौरान यह वादा किया था और अब इसे भाजपा के सत्ता में आने की अवधि से ही लागू किया गया है।
इधर कांग्रेस ने भी ओआरओपी का श्रेय लेने की कोशिश की। पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी ने कांगे्रस मुख्यालय पर संवाददाताओं से कहा कि मौजूदा सरकार ने जो घोषणा की है वह घोर निराशाजनक है। कई प्रावधानों को पूरी तरह कमजोर कर दिया गया है। यह पूर्व सैनिकों के साथ धोखा है। सरकार ओआरओपी पर राजनीति कर रही है। एंटनी ने सेना से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने वाले पूर्व सैनिकों को ओआरओपी से बाहर रखने के सरकार के फैसले की आलोचना भी की। उन्होंने कहा कि 90 फीसद सैन्यकर्मी 35 से 40 साल की उम्र में सेवानिवृत्त हो जाते हैं। इससे उन्हें काफी नुकसान होगा।
बहुत बड़ा फैसला
करीब चार दशक बाद पूर्व सैनिकों को 'वन रैंक वन पेंशन' देने के एलान का राज्यसभा सांसद और इसके पैरोकार रहे राजीव चंद्रशेखर ने सरकार को धन्यवाद दिया है। उन्होंने इसके लिए संघर्ष कर रहे पूर्व सैनिकों से घर लौटने की अपील भी की है। राजीव चंद्रशेखर ने सरकार के इस फैसले को आजादी के बाद किसी भी सरकार द्वारा पूर्व सैनिकों के कल्याण के लिए उठाया गया सबसे बड़ा कदम बताया है।