2019 लोकसभा चुनाव के लिए अमित शाह का मिशन 350 तैयार
लगभग डेढ़ सौ सीटों पर प्रभारी पहले ही नियुक्त कर दिए हैं जहां भाजपा हारी थी। प्रभारी किसी दूसरे जिला के नेता को बनाया गया है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। विपक्षी दल जहां एकजुटता के मुद्दे ढूंढने में ही लगे हैं वहीं भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने अगले लोकसभा चुनाव के लिए मिशन 350 का लक्ष्य तय कर अपने नेताओं को जमीन पर उतार दिया है। उन 120 सीटों के लिए भी आक्रामकता के साथ मंत्रियों व पदाधिकारियों को जिम्मेदारी दे दी गई है जहां भाजपा कभी जीती ही नहीं। यानी अगले डेढ़ साल में ऐसे नेताओं को उन पांच छह सीटों पर ध्यान केंद्रित कर नतीजा देना होगा जहां के लिए वह 'पालक' (प्रभारी ) बनाए गए हैं।
गुरुवार को भाजपा कार्यालय में शाह के नेतृत्व में हाईप्रोफाइल चुनावी बैठक हुई। केंद्र व राज्य सरकारों के नौ मंत्री और लगभग दो दर्जन पदाधिकारियों के साथ बैठक में शाह ने अपना लक्ष्य रख दिया। इसमें पार्टी के महासचिव और संगठन महामंत्री रामलाल व अन्य संगठन मंत्री भी मौजूद थे। बताते हैं कि कम से कम तीन आंतरिक सर्वे में भी 2019 चुनाव में भाजपा के लिए सवा तीन सौ सीटों का आकलन आया है। ऐसे में शाह ने 350 सीटों का लक्ष्य रखा है। सूत्रो का कहना है कि शाह ने स्पष्ट किया कि भाजपा का संघर्ष खुद भाजपा से है। जनता का आशीर्वाद साथ है और हमें नया मुकाम पाना है। दरअसल कई राज्यों में कई राज्यों में भाजपा का लोकसभा प्रदर्शन सौ फीसद रहा था। अगर इन राज्यों में प्रदर्शन थोड़ा फिसला भी तो भाजपा अब तक न जीती हुई सीटों से इसे पूरा करेगी।
इसी क्रम में मंत्रियों को पांच पांच सीटों का समूह बनाकर जिम्मेदारी दी गई है। बताते हैं कि केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद को असम में उन पांच सीटों का पालक बनाया गया है जो पार्टी कभी नहीं जीती। स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा को पश्चिम बंगाल में ऐसी ही जिम्मेदारी मिली है। पश्चिम बंगाल में एक और मंत्री को लगाया गया है। धर्मेद्र प्रधान, प्रकाश जावड़ेकर , मनोज सिन्हा, नरेंद्र सिंह तोमर जैसे मंत्रियों को भी केरल, ओडिशा, तमिलनाडु व अन्य राज्यों में जिम्मेदारी दी गई है। चुनाव ऐसे मंत्रियों का किया गया है जिनके पास सांगठनिक अनुभव भी है। जाहिर तौर पर ये पालक केंद्रीय योजनाओं के जरिए भी जमीन तक पहुंचने की कोशिश करेंगे और संगठनकर्ता के रूप में भी। बताते हैं कि उन लगभग डेढ़ सौ सीटों पर प्रभारी पहले ही नियुक्त कर दिए हैं जहां भाजपा हारी थी। प्रभारी किसी दूसरे जिला के नेता को बनाया गया है।
बैठक में गुजरात, हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक के आगामी विधानसभा चुनावों पर भी चर्चा हुई। इन राज्यों के लिए लक्ष्य पहले ही तय किया जा चुका है। बताते हैं कि शाह ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि पालक तत्काल प्रभाव से अपने प्रभार क्षेत्र में जाना शुरू करें। एक निश्चित अंतराल पर उनसे फीडबैक भी लिया जाएगा।
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