अलनीनो लाएगा खुशहाली, इस वर्ष तय वक्त पर दस्तक देगा मानसून
भारतीय मौसम विभाग के महानिदेशक केजे रमेश ने शुक्रवार को बताया कि हम इस वक्त अलनीनो को लेकर जरा भी चिंतित नहीं हैं।
नई दिल्ली, रायटर। भारत पर अलनीनो मौसम प्रतिमान का कोई प्रतिकूल असर नहीं पड़ेगा। दरअसल, भारत में अलनीनो के मानसून के चौथे माह में ही आने की संभावना है। मौसम वैज्ञानियों के अनुसार इसी मौसम में लहलहाती फसलों को अच्छी बारिश की आवश्यकता होती है।
भारतीय मौसम विभाग के महानिदेशक केजे रमेश ने शुक्रवार को बताया कि हम इस वक्त अलनीनो को लेकर जरा भी चिंतित नहीं हैं। चूंकि मौसम का यह चक्र समूचे भारत पर जुलाई बाद ही छाएगा।
केरल राज्य में इस बार एक जून तक मानसूनी बारिश शुरू हो जाएगी। मानसूनी बारिश की यह सौगत मरुभूमि राजस्थान में सितंबर तक पहुंचने के आसार हैं। दरअसल, भारत में खेती से जुड़ी 2 खरब डॉलर की अर्थव्यवस्था मानसूनी बारिश पर ही निर्भर करती है।
उन्होंने कहा कि अलनीनो के जुलाई बाद आने का यह मतलब नहीं कि शुरुआती बारिश हल्की होगी या फिर कम बारिश होगी। चूंकि दक्षिण-पश्चिमी मानसून को कई कारकों में सबसे अधिक अलनीनो ही प्रभावित करता है।
गर्मी से लोग परेशान
मार्च के महीने में ही चिलचिलाती धूप ने लोगों का हाल बेहाल कर दिया है। उत्तर से लेकर दक्षिण भारत के राज्यों में चढ़ता पारा रिकार्ड तोड़ रहा है। ओडिशा के कई हिस्सों में तो पारा 40 का आसपास पहुंच गया है।
मौसम विभाग ने अगले 48 घंटों में गर्म हवा चलने की चेतावनी जारी की है। मौसम विभाग ने शुक्रवार दोपहर एक बुलेटिन जारी कर बताया कि अगले दो दिनों में ओडिशाक कई हिस्सों में गर्म हवा चलने की प्रबल संभावना है।