Move to Jagran APP

दामिनी का बयान सुन आज भी कांप जाती है रूह

दिल्ली गैंगरेप कांड की 23 वर्षीय पीड़िता जब सफदरजंग अस्पताल में मौत से जूझ रही थी, तब 21 दिसंबर को उसने पहली बार एसडीएम उषा चतुर्वेदी के सामने बयान दर्ज कराते समय पूरे होशोहवास में घटनाक्रम बताया। प्रस्तुत है उस बयान के अंश:-

By Edited By: Published: Sat, 14 Sep 2013 09:01 AM (IST)Updated: Sat, 14 Sep 2013 09:13 AM (IST)
दामिनी का बयान सुन आज भी कांप जाती है रूह

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली गैंगरेप कांड की 23 वर्षीय पीड़िता जब सफदरजंग अस्पताल में मौत से जूझ रही थी, तब 21 दिसंबर को उसने पहली बार एसडीएम उषा चतुर्वेदी के सामने बयान दर्ज कराते समय पूरे होशोहवास में घटनाक्रम बताया। प्रस्तुत है उस बयान के अंश:-

loksabha election banner

पढ़ें: बेटी तुम्हें इंसाफ मिल गया और मुझे सुकून

पढ़ें: 16 दिसंबर : हैवानियत की वो रात

मैं घटना वाले दिन अपने दोस्त अवनींद्र के साथ सेलेक्ट सिटी मॉल साकेत में लाइफ ऑफ पाई पिक्चर देखने गई थी। वहां से ऑटोरिक्शा लेकर मुनीरका पहुंचे। इसके बाद मुझे सफेद रंग की बस मिली जिसका कंडक्टर पालम मोड़ व द्वारका की सवारी के लिए आवाज दे रहा था। मुझे द्वारका सेक्टर-एक जाना था, इसलिए मैं और मेरा दोस्त दोनों उस बस में चढ़ गए। जब मैं अंदर गई तो बस के अंदर 6-7 लोग बैठे हुए थे। इन लोगों को सवारी समझ कर हम बस में केबिन के बगल वाली सीट पर जाकर बैठ गए।

पांच मिनट बाद जब बस मलाई मंदिर के पुल पर चढ़ी तो कंडक्टर ने बस के दरवाजे बंद कर दिए और अंदर की बत्तियां बुझा दीं। मेरे दोस्त के पास आकर गालियां देने लगे और मारने लगे। उसको तीन लोगों ने पकड़ लिया और बाकी लोग मुझे बस के पीछे हिस्से में ले गए। मेरे कपड़े फाड़ दिए और बारी-बारी से रेप किया। लोहे के रॉड से मुझे मेरे पेट पर मारा और पूरे शरीर पर दांतों से काटा। इससे पहले मेरे दोस्त का सामान जैसे मोबाइल फोन, पर्स, क्रेडिट कार्ड व डेबिट कार्ड, घड़ी आदि छीन लिए।

पढ़ें: घटना के बाद बदल गई थी पूरी दिल्ली

बस में टोटल छह लोग थे, जिन्होंने बारी-बारी से.. रेप किया। इन लोगों ने लोहे की रॉड को मेरे शरीर के अंदर ...कई बार डाला और फिर बाहर निकाला। मेरे ..में हाथ और लोहे की रॉड डालकर मेरे शरीर के अंदरूनी हिस्सों को बाहर निकाला और चोट पहुंचाई। छह लोगों ने बारी-बारी से मेरे साथ करीब एक घंटे तक रेप किया। चलती हुई बस में ही ड्राइवर बदलता रहा, ताकि वो भी रेप कर सके। उन्होंने मेरे दोस्त को भी लोहे की रॉड से पीटा और सिर पर भी मारा। इससे वह भी अर्धबेहोशी की हालत में था। मेरे दोस्त के भी सारे कपड़े उतार लिए थे। और हम दोनों को मरा हुआ समझ कर चलती हुई बस से सड़क पर फेंक दिया। उन सभी को फांसी की सजा होनी चाहिए, जिससे ये अपराधी लोग किसी और लड़की के साथ ऐसा अनाचार और अत्याचार भरा कृत्य न कर सकें।

मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.