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बर्फीली हवाओं से ठिठुरा उत्‍तर भारत, कई मरे

पहाड़ों में बर्फबारी थमने के बाद उत्तर भारत में ठंड बेरहम होती जा रही है। सर्दी से बच्चे-बड़े सब हलकान हैं। गुरुवार दिन भर चली बर्फीली हवाओं ने घर से बाहर निकलना मुश्किल कर दिया। घने कोहरे से सड़क, रेल और वायु यातायात पर असर पड़ा। ठंड न सह पाने

By Murari sharanEdited By: Published: Thu, 18 Dec 2014 09:02 PM (IST)Updated: Fri, 19 Dec 2014 10:00 AM (IST)
बर्फीली हवाओं से ठिठुरा उत्‍तर भारत, कई मरे

नई दिल्ली। पहाड़ों में बर्फबारी थमने के बाद उत्तर भारत में ठंड बेरहम होती जा रही है। सर्दी से बच्चे-बड़े सब हलकान हैं। गुरुवार दिन भर चली बर्फीली हवाओं ने घर से बाहर निकलना मुश्किल कर दिया। घने कोहरे से सड़क, रेल और वायु यातायात पर असर पड़ा। ठंड न सह पाने से पुलिस हेड कांस्टेबल समेत पांच लोगों की मौत हो गई। उत्तराखंड में एक नेपाली मूल के व्यक्ति का शव बर्फ के नीचे दबा मिला।

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राज्य में पिछले चार दिनों में बर्फबारी से मरने वालों की संख्या 13 पहुंच गई है। हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर के कई हिस्सों में पारा शून्य से नीचे चला गया। एक डिग्री सेल्सियस तापमान के साथ राजस्थान का माउंट आबू मैदानी राज्यों में सबसे ठंडा रहा। अगले 48 घंटे तक मौसम की बेरुखी यूं ही बनी रहेगी।

उत्तर प्रदेश और दिल्ली-एनसीआर में धूप तो निकली पर बेअसर रही। तेज ठंडी हवाओं से लोग घरों में दुबकने पर मजबूर हो गए। सुबह के वक्त घने कोहरे की वजह से स्कूल जाने वाले बच्चों और राहगीरों को मुसीबतें झेलनी पड़ीं। सोनभद्र में तीन और मऊ में एक की मौत की सूचना है।

आगरा और मुजफ्फरनगर में सबसे कम तापमान 4.7 डिग्री सेल्सियस रहा। दिल्ली के न्यूनतम तापमान में बुधवार के मुकाबले करीब दो डिग्री की कमी आई। 9.2 की तुलना में यह 7.4 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। पंजाब और हरियाणा में भी कोहरे का कहर रहा। राजस्थान के चुरू में पारा 3.1 डिग्री तक लुढ़क गया।

उत्तराखंड में मौसम खुला रहा, लेकिन दुश्वारियों के बादल अभी तक नहीं छंट पाए हैं। बर्फबारी के चलते बंद हुए तमाम मार्ग अभी तक नहीं खुल पाए हैं। इससे आवाजाही बाधित होने के साथ ही खाद्यान्न का संकट भी गहराने लगा है। चंपावत में एक पुलिस हेड कांस्टेबल की मौत हो गई।

जबकि चमोली में बर्फ के नीचे नेपाली मूल के एक व्यक्ति का शव बरामद हुआ। रुद्रप्रयाग में पर्यटक स्थल चोपता को जोडऩे वाला ऊखीमठ-चोपता मार्ग के अलावा ऊखीमठ-मक्कू मार्ग बंद पड़े हैं। चमोली के घेस, बलाण, हिमनी, पिनाऊं, वांण, कुलिंग, कनोल, सुतोल, झलिया, मानमति गांवों सड़क मार्ग से कटे हैं। वहां आवश्यक वस्तुओं का संकट भी पैदा हो गया है। कुमाऊं मंडल के कई इलाकों में बिजली आपूर्ति सुचारू नहीं हो सकी है।

हिमाचल प्रदेश के मंडी में कमरूनाग मंदिर स्थित झील बर्फबारी के कारण जम गई। हिमपात के पांच दिन बाद भी इलाके में बिजली-पानी व्यवस्था बहाल नहीं हो पाई है। दर्जनों संपर्क मार्ग अभी भी बंद हैं। मौसम विभाग का कहना है कि 22 दिसंबर से पहाड़ी राज्यों में एक बार फिर पश्चिमी हवाएं असर दिखाएंगी।

इस वजह से फिर बर्फबारी की संभावना है। केलंग में सबसे कम तापमान -11.7 डिग्री सेल्सियस रहा। जम्मू-कश्मीर के लेह में खून जमाने वाली ठंड रही। न्यूनतम तापमान -14.6 डिग्री रिकॉर्ड किया गया। कारगिल में पारा -14.4 डिग्री सेल्सियस रहा।


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