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अब दिल्ली आकर केंद्र पर बरसीं ममता

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरवार को राष्ट्रीय राजधानी में भाजपा तथा केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। तृणमूल कांग्रेस के खिलाफ भाजपा की 'राजनीतिक बदले' की कथित कार्रवाई को लेकर हमला और तेज करते हुए राजग सरकार पर सीबीआई का 'राजनीतिक हथियार' की तरह इस्तेमाल करने

By Kamal VermaEdited By: Published: Thu, 18 Dec 2014 07:38 PM (IST)Updated: Thu, 18 Dec 2014 08:46 PM (IST)
अब दिल्ली आकर केंद्र पर बरसीं ममता

नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरवार को राष्ट्रीय राजधानी में भाजपा तथा केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। तृणमूल कांग्रेस के खिलाफ भाजपा की 'राजनीतिक बदले' की कथित कार्रवाई को लेकर हमला और तेज करते हुए राजग सरकार पर सीबीआई का 'राजनीतिक हथियार' की तरह इस्तेमाल करने का आरोप लगाया। साथ ही कहा कि सीबीआई 'पीएमओ का एक विभाग' है।

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संसद भवन के बाहर पत्रकारों से बातचीत में ममता ने कहा-- 'सिर्फ हम भाजपा के खिलाफ लड़ रहे हैं, जो हमारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस को नेस्तनाबूद करने की कोशिश कर रही है। पश्चिम बंगाल के परिवहन मंत्री मदन मित्रा की गिरफ्तारी राजनीतिक बदला है.. भाजपा हमसे जलती है, लेकिन लोकतंत्र को ढहाया नहीं जा सकता।' उन्होंने कहा कि भाजपा तानाशाही रवैया अपना रही है, तृणमूल कांग्रेस जनता के सिवाय किसी और के सामने नहीं झुकेगी।

यह एक राजनीतिक लड़ाई है और हम इसे राजनीतिक तथा लोकतांत्रिक तरीके से लड़ेंगे। वे हमारी आवाज नहीं दबा सकते। कहां है टैगोर का नोबेल मेडल उन्होंने जोर देकर कहा कि शारदा चिटफंड घोटाले में उनकी पार्टी की कोई भूमिका नहीं है, क्योंकि यह घोटाला उनकी सरकार के कार्यकाल में नहीं हुआ है। उन्होंने कहा-- 'सीबीआई में कई केस पड़े हुए हैं, जिसका कोई परिणाम नहीं निकला।

यह स्वायत्त संस्था नहीं है, बल्कि पीएमओ का विभाग है। यदि सीबीआई अहम है, तो उसे लोकहित में काम करना चाहिए। रवींद्रनाथ टैगोर ने भारत में पहला नोबेल पुरस्कार हासिल किया था.. उनका नोबेल मेडल चोरी चला गया और वह वापस नहीं मिला। क्या सीबीआई ने उस केस को बंद कर दिया है?' इन मामलों में सीबीआई ने क्या किया उन्होंने कहा-- '2010 में ज्ञानेश्वरी एक्सप्रेस दुर्घटना हुई, जिसमें करीब 200 लोग मारे गए।

तत्कालीन रेल मंत्री के रूप में मैंने उसकी सीबीआई जांच शुरू कराई, लेकिन कुछ नहीं हुआ। सिंगुर, रिजवानुर रहमान, नंदीग्राम, नेताई आदि मामलों में कुछ नहीं हुआ। ऐसे में क्या सीबीआई सरकार का हथकंडा नहीं है? यदि आप मुझसे सीबीआई की भूमिका के बारे में पूछते हैं तो मैं कहूंगी कि यह राजनीतिक बदला है।'

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