चीन नें पूरा किया चांद से वापसी का पहला मिशन
चीन ने पूरा किया चांद से वापसी का पहला मिशन। मदर एडिशन मिशन को अंजाम देने वाला तीसरा देश बना चीन।
बीजिंग। चीन ने चांद से वापसी का अपना पहला मिशन सफलतापूर्वक पूरा कर लिया और इसका मानवरहित यान धरती पर लौट आया। इसके साथ ही चीन पूर्व सोवियत संघ और अमेरिका के बाद इस तरह के मिशन को अंजाम देने वाला तीसरा देश बन गया है। पूर्व सोवियत संघ और अमेरिका चांद से यान की वापसी के मिशन को लगभग 40 साल पहले ही पूरा कर चुके हैं।
चंद्रमा की कक्षा में लगभग एक हफ्ते पहले भेजा गया यह यान चीन के इनर मंगोलिया स्वायत्त क्षेत्र में शनिवार सुबह सिजिवांग बनेर में उतरा। इस अभियान के साथ ही चीन अपने महत्वाकांक्षी अंतरिक्ष कार्यक्रम में एक कदम और आगे बढ़ गया। इसे चंद्रमा की कक्षा में जाने और धरती पर लौटने की इसकी क्षमता को परखने के लिए एक हफ्ते पहले प्रक्षेपित किया गया था। आठ लाख किमी की यात्रा चांद की कक्षा में घूमने, उतरने और धरती पर वापस आने वाले यह तीन चरण का कार्यक्रम निर्णायक प़़डाव के लिए एक प्रायोगिक परीक्षण था।
वैज्ञानिकों द्वारा इस 'शियाओफे' नाम दिया गया है। इस ल्यूनर आर्बिटर ने आठ लाख 40 हजार किमी का सफर तय किया और धरती तथा चंद्रमा की एक साथ शानदार तस्वीरें लीं। 11.2 किमी प्रति सेकंड थी गति पृथ्वी पर वापसी की प्रक्रिया सुबह शुरू हुई। इस दौरान यान करीब 11.2 किमी प्रति सेकंड से पृथ्वी पर आया। बीजिंग से 500 किमी दूर निर्धारित स्थल पर यह उतरा। भावी मिशन की तैयारी चीन ने चंद्रमा के लिए अपने भावी मिशन चांग-5 में प्रयुक्त की जाने वाली प्रौद्योगिकी के परीक्षण के लिए इसे प्रक्षेपित किया था। इस यान में प्रयुक्त की गई प्रौद्योगिकी का उपयोग चांग-5 मिशन में किया जाएगा। चांग-5 को चंद्रमा पर भेजा जाएगा। यह आंक़़डे और वहां के कुछ नमूने एकत्र कर 2017 में वापस लौट आएगा। इससे पहले चीन 2007 चांग-1, 2010 में चांग-2 और दिसंबर 2013 में चांग-3 भेज चुका है।
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