कुश्ती में भारत को कम से कम दस पदक की उम्मीद
ग्लास्गो। ओलंपिक पदक विजेता सुशील कुमार और योगेश्वर दत्त की अगुआई में भारतीय पहलवान मंगलवार को कॉमनवेल्थ गेम्स में अपने अभियान की शुरुआत करेंगे। हालांकि इस बार ग्रीको रोमन वर्ग को हटाए जाने के बाद निश्चित तौर पर कुश्ती में पदकों की संख्या कम होगी। 2010 नई दिल्ली कॉमनवेल्थ गेम्स में ग्रीको रोमन पहलवानों ने चार स्वर्ण सहित क
ग्लास्गो। ओलंपिक पदक विजेता सुशील कुमार और योगेश्वर दत्त की अगुआई में भारतीय पहलवान मंगलवार को कॉमनवेल्थ गेम्स में अपने अभियान की शुरुआत करेंगे। हालांकि इस बार ग्रीको रोमन वर्ग को हटाए जाने के बाद निश्चित तौर पर कुश्ती में पदकों की संख्या कम होगी। 2010 नई दिल्ली कॉमनवेल्थ गेम्स में ग्रीको रोमन पहलवानों ने चार स्वर्ण सहित कुल सात पदक जीते थे, जबकि भारत ने कुश्ती में ओवरऑल कुल 19 पदक जीते थे।
इस बार भी फ्रीस्टाइल वर्ग में भारतीय दल काफी मजबूत है और उसके कम से कम दस पदक जीतने की उम्मीद है। हालांकि पिछले साल कुश्ती की अंतरराष्ट्रीय संस्था फिला ने कुछ वजन वर्गो को हटा दिया है, जबकि कुछ में बदलाव किया है। लिहाजा इस बार सुशील और योगेश्वर नए वजन वर्गो में उतरेंगे। सुशील ने अपने ओलंपिक पदक 66 किग्रा फ्रीस्टाइल में जीते थे, लेकिन इस बार वह 74 किग्रा वजन वर्ग में चुनौती पेश करेंगे, जबकि योगेश्वर को 60 किग्रा की जगह 65 किग्रा वजन वर्ग में उतरना होगा। अन्य भारतीयों में 57 किग्रा में अमित कुमार, 61 किग्रा में बजरंग पूनिया, 86 किग्रा में पवन कुमार और 97 किग्रा में सत्यव्रत कादियान चुनौती पेश करेंगे।
दूसरी ओर, महिला पहलवान भी दिल्ली के मुकाबले अपने प्रदर्शन में सुधार करने के इरादे से उतरेंगी। महिला पहलवानों ने पिछले टूर्नामेंट में तीन स्वर्ण सहित छह पदक जीते थे। अनुभवी बबीता कुमारी महिला वर्ग में भारतीय चुनौती की अगुआई करेंगी। उनकी नजरें 55 किग्रा वर्ग में खिताब की रक्षा के अपने अभियान पर टिकी होंगी। उनके अलावा विनेश (48 किग्रा), नवजोत कौर (69 किग्रा) और ज्योति (75) से भी टीम को काफी उम्मीदें हैं।
हॉकी में भारत के सामने ऑस्ट्रेलियाई टेस्ट
अपने शुरुआती दो मुकाबलों में वेल्स और स्कॉटलैंड पर आसान जीत दर्ज करने वाली भारतीय हॉकी टीम कॉमनवेल्थ गेम्स में मंगलवार को ऑस्ट्रेलिया से भिड़ेगी, जहां सरदार एंड कंपनी की असली परीक्षा होगी। हालिया समय में ऑस्ट्रेलिया की टीम भारत से काफी बेहतर है और इसी साल हॉकी विश्व कप में ऑस्ट्रेलियाई टीम ने भारत को 4-0 से हराया था। इसके अलावा पिछली बार नई दिल्ली कॉमनवेल्थ गेम्स के फाइनल में भारत को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 0-8 से बड़ी हार झेलनी पड़ी थी। हालांकि भारतीय कप्तान सरदार सिंह और कोच टैरी वॉल्श टीम में काफी सुधार की बात कर रहे हैं, लेकिन टीम ने कितनी प्रगति की है यह तो मैच के बाद ही पता चलेगा।