दुनिया में हर तीसरी बाल वधू का घर भारत
दुनिया में भारत ऐसा छठा देश है जहां बाल विवाह का सर्वाधिक प्रचलन है। जबकि हर तीन में से एक बाल वधू भारत में रहती है। संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में यह बात कही गई है। 'एंडिंग चाइल्ड मैरिज : प्रोग्रेस एंड प्रास्पेक्ट' शीर्षक वाली रिपोर्ट में यूनिसेफ ने कहा, 'दक्षिण एशिया, उप-सहारा अफ्रीका और भारत
संयुक्त राष्ट्र। दुनिया में भारत ऐसा छठा देश है जहां बाल विवाह का सर्वाधिक प्रचलन है। जबकि हर तीन में से एक बाल वधू भारत में रहती है। संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में यह बात कही गई है।
'एंडिंग चाइल्ड मैरिज : प्रोग्रेस एंड प्रास्पेक्ट' शीर्षक वाली रिपोर्ट में यूनिसेफ ने कहा, 'दक्षिण एशिया, उप-सहारा अफ्रीका और भारत में बाल विवाह बेहद आम बात है।' रिपोर्ट के अनुसार, दक्षिण एशिया दुनिया की लगभग आधी बाल वधुओं (42 फीसद) का घर है। जबकि केवल भारत में एक तिहाई बाल वधू हैं। इस समय दुनियाभर में 70 करोड़ ऐसी महिलाएं हैं जिनकी बचपन या 18 वर्ष से कम उम्र में शादी की गई। रिपोर्ट कहती है कि तीन में एक यानी लगभग 25 करोड़ लड़कियां 15 साल से भी कम उम्र में विवाहित हुई। बाल विवाह के मामलों में दुनिया के शीर्ष दस देशों में क्रमश: नाइजर, बांग्लादेश, चाड, माली, मध्य अफ्रीकी गणराज्य, भारत, गुयाना, इथोपिया, बुरकिना फासो और नेपाल शामिल हैं। भारत में करीब 20 से 49 वर्ष की 27 फीसद महिलाओं की 15 साल से कम उम्र में शादी हुई। इस उम्र समूह में 31 फीसद महिलाएं ऐसी हैं जिनका विवाह 15 साल के बाद लेकिन 18 साल से पहले कर दिया गया। रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत में शादी की औसत आयु 19 वर्ष है। डोमनिक रिपब्लिक और भारत में धनी महिलाएं गरीब महिलाओं की तुलना में चार साल बाद शादी करती हैं। यूनिसेफ के कार्यकारी निदेशक एंथानी लेक ने कहा, 'लड़कियां कोई संपत्ति नहीं हैं। उन्हें अपना भाग्य चुनने का अधिकार है। ऐसा जब वे करेंगी तो उससे सभी को फायदा होगा।'
बाल लिंगानुपात में गिरावट
नई दिल्ली। संयुक्त राष्ट्र ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि भारत को बाल लिंगानुपात में तेज गिरावट पर तत्काल कदम उठाने की जरूरत है। रिपोर्ट के अनुसार, भारत में बाल लिंगानुपात 1961 में 976 लड़कियों से गिरकर 2011 में 918 के स्तर पर पहुंच गया है।