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जया ने सीमा संकेतक लगाने का विरोध किया, लिखा पीएम को खत

तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता ने केंद्र सरकार के एक फैसले का विरोध किया है। उन्होंने श्रीलंका के साथ अंतरराष्ट्रीय समुद्री सीमा रेखा (आइएमबीएल) पर बोया लगाने को लेकर व्यवहार्यता अध्ययन कराए जाने को अनुचित करार दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे एक पत्र में जयललिता ने बताया कि सीमा प्रबंधन विभाग और गृह म

By Edited By: Published: Tue, 22 Jul 2014 06:15 PM (IST)Updated: Tue, 22 Jul 2014 06:16 PM (IST)
जया ने सीमा संकेतक लगाने का विरोध किया, लिखा पीएम को खत

चेन्नई। तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता ने केंद्र सरकार के एक फैसले का विरोध किया है। उन्होंने श्रीलंका के साथ अंतरराष्ट्रीय समुद्री सीमा रेखा (आइएमबीएल) पर बोया लगाने को लेकर व्यवहार्यता अध्ययन कराए जाने को अनुचित करार दिया है।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे एक पत्र में जयललिता ने बताया कि सीमा प्रबंधन विभाग और गृह मंत्रालय ने यह प्रस्ताव भारत और श्रीलंकाई मछुआरों के मसले पर हुई अंतर मंत्रालयी बैठक के दौरान रखा है। जबकि उनकी सरकार ने कच्चतिऊ द्वीप श्रीलंका को सौंपे जाने की वैधानिकता को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे रखी है। उन्होंने कहा, 'सुप्रीम कोर्ट में यह मामला अभी लंबित है और आइएमबीएल की स्थिति पर इसका असर पड़ेगा। तमिलनाडु की सरकार आइएमबीएल को सुलझा हुआ मसला नहीं मानती है। यह मुद्दा अदालत में विचाराधीन है, इस वजह से पानी पर तैरने वाले सीमा संकेतक (बोया) लगाना उचित और व्यवहारिक नहीं होगा।' जयललिता ने बताया कि पिछले महीने नई दिल्ली में प्रधानमंत्री से मुलाकात के दौरान दिए ज्ञापन में उन्होंने अनुरोध किया था कि कच्चतिऊ पर भारत की संप्रभुता को बहाल किया जाए। इसे 1974 और 1976 में भारत और श्रीलंका समझौते के तहत असंवैधानिक और गैरकानूनी तरीके से श्रीलंका के सुपुर्द कर दिया गया था।

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