भारत की आबोहवा सुधारेगा विश्व बैंक
वायु प्रदूषण के शिकार भारत, चीन, मिस्र, नाइजीरिया और दक्षिण अफ्रीका में हवा की गुणवत्ता सुधारने के लिए विश्व बैंक ने एक नया कार्यक्रम शुरू किया है। शुरुआत में इसके लिए 282 करोड़ रुपये (45 मिलियन डॉलर) आवंटित किए गए हैं।
वाशिंगटन। वायु प्रदूषण के शिकार भारत, चीन, मिस्र, नाइजीरिया और दक्षिण अफ्रीका में हवा की गुणवत्ता सुधारने के लिए विश्व बैंक ने एक नया कार्यक्रम शुरू किया है। शुरुआत में इसके लिए 282 करोड़ रुपये (45 मिलियन डॉलर) आवंटित किए गए हैं।
विश्व बैंक के प्रदूषण प्रबंधन एवं पर्यावरणीय स्वास्थ्य (पीएमईएच) कार्यक्रम के तहत चयनित देशों के पांच बड़े शहरी इलाकों में हवा की गुणवत्ता को सुधारने का प्रयास किया जाएगा। इस कार्यक्रम के जरिये अगले पांच वर्षो में इन क्षेत्रों में रहने वाले तकरीबन 15 करोड़ लोगों के स्वास्थ्य में सुधार आने की उम्मीद है। विश्व बैंक की ओर से जारी बयान के मुताबिक यह कार्यक्रम अफ्रीका के उप-सहारा क्षेत्र के देशों और शहरों को भी जल प्रदूषण से निपटने में सहयोग करेगा।
प्रदूषण की वजह से हुई बीमारियों के चलते हर साल 90 लाख लोगों की मौत हो जाती है। इनमें अधिकतर अविकसित या विकासशील देशों से आते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2012 में सिर्फ वायु प्रदूषण के कारण 70 लोग अकाल मौत के शिकार हुए थे।