रुपया हुआ बेहाल, 29 माह के निचले स्तर पर पहुंचा
शेयर बाजार में भारी गिरावट के बीच बड़े पैमाने पर विदेशी पूंजी की निकासी की आशंका पैदा हो गई है। इसी डर से बैंकों व आयातकों ने अमेरिकी डॉलरों की लिवाली की।
मुंबई । शेयर बाजार में भारी गिरावट के बीच बड़े पैमाने पर विदेशी पूंजी की निकासी की आशंका पैदा हो गई है। इसी डर से बैंकों व आयातकों ने अमेरिकी डॉलरों की लिवाली की। इसकी वजह से गुरुवार को डॉलर के मुकाबले भारतीय मुद्रा 45 पैसे लुढ़क गई। इस दिन अंतर बैंक विदेशी मुद्रा बाजार में घरेलू मुद्रा 29 माह के निचले स्तर 68.31 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुई। अमेरिकी मुद्रा के सामने रुपया 28 अगस्त, 2013 को अपना रिकॉर्ड निचला स्तर छू गया था। उस दिन यह 68.80 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ था।
घरेलू मुद्रा में कारोबार की शुरुआत कमजोरी के साथ 67.95 रुपये प्रति डॉलर पर हुई। सत्र के दौरान यह एक समय नीचे में 68.35 रुपये प्रति डॉलर तक चली गई। खास बात यह है कि रुपया उस समय कमजोर हो रहा है, जब डॉलर अन्य विदेशी मुद्राओं के मुकाबले खुद गिरावट का शिकार है। गुरुवार को जापानी येन के मुकाबले डॉलर कमजोर होकर 15 महीने के निम्नतम स्तर पर पहुंच गया।
अन्य प्रमुख विदेशी मुद्राओं की तुलना में भी रुपया कमजोर हुआ। डॉलर के बाद सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाली मुद्रा यूरो के सामने यह 88 पैसे लुढ़क गया। यह इस दिन 77.29 रुपये प्रति यूरो पर बंद हुआ। इसी तरह सौ यूनिट वाले येन की कीमत बढ़कर 61.23 रुपये पर पहुंच गई। ब्रिटिश मुद्रा के सामने कमजोर होकर घरेलू मुद्रा 98.61 रुपये प्रति पौंड पर बंद हुई।