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पीएम ने सुनी उद्योग जगत के 'मन की बात'

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को उद्योग जगत के 'मन की बात' सुनी। उद्योग जगत के प्रतिनिधियों ने दिल खोलकर पीएम के सामने अपनी समस्याओं को रखा। इनमें पूंजी की अधिक लागत, कारोबार करना आसान बनाना और टैक्सेशन पर निश्चितता जैसे मुद्दे शामिल रहे। बीते साल प्रधानमंत्री का कार्यभार संभालने

By Rajesh NiranjanEdited By: Published: Tue, 30 Jun 2015 09:54 PM (IST)Updated: Tue, 30 Jun 2015 10:55 PM (IST)
पीएम ने सुनी उद्योग जगत के 'मन की बात'

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को उद्योग जगत के 'मन की बात' सुनी। उद्योग जगत के प्रतिनिधियों ने दिल खोलकर पीएम के सामने अपनी समस्याओं को रखा। इनमें पूंजी की अधिक लागत, कारोबार करना आसान बनाना और टैक्सेशन पर निश्चितता जैसे मुद्दे शामिल रहे। बीते साल प्रधानमंत्री का कार्यभार संभालने के बाद मोदी ने पहली बार भारतीय उद्योग चैंबरों से मुलाकात की।

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प्रमुख उद्योग चैंबरों-सीआइआइ और फिक्की के प्रतिनिधिमंडल के साथ प्रधानमंत्री ने अलग से बैठक की। फिक्की के सूत्रों के मुताबिक, प्रतिनिधियों ने मोदी को बताया कि पूंजी की अधिक लागत, खराब क्रेडिट ग्रोथ तथा छोटे व मझोले उद्यमों के समक्ष तमाम मुश्किलों के कारण निवेश रफ्तार नहीं पकड़ रहा है। प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी वक्तव्य में कहा गया कि प्रतिनिधिमंडल ने बीते एक साल में किए गए कार्य और कारोबार करने के लिए दी गई सहूलियतों की प्रशंसा की।

सीआइआइ के प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक में मोदी ने उद्योग से तेल, इलेक्ट्रॉनिक्स और रक्षा क्षेत्र में आयात पर निर्भरता को घटाने के लिए कहा। साथ ही भरोसा दिया कि प्रोजेक्टों को गति देने के लिए ध्यान दिया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने इंडस्ट्री से मेक इन इंडिया के साथ इनोवेशन पर जोर देने के लिए कहा है। कॉरपोरेट सोशल रेस्पॉन्सिबिलिटी (सीएसआर) गतिविधियों के हिस्से के तौर उन्हें स्वच्छता की मुहिम को लेकर भी तत्पर रहना होगा। 11 सदस्यीय फिक्की के प्रतिनिधिमंडल ने चैंबर की अध्यक्ष ज्योत्स्ना सूरी के नेतृत्व में मुलाकात की। सीआइआइ के अध्यक्ष सुमित मजूमदार ने कहा कि बैठक बेहद सकारात्मक रही।

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