प्लेसमेंट एजेंसियां दे रहीं अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेत
नौकरी दिलाने वाली प्लेसमेंट एजेंसियों में फिर बहार आ गई है। इसका अंदाजा प्लेसमेंट एजेंसियों की ओर से चालू वित्त वर्ष में जमा किए गए सेवा कर की राशि से लगाया जा सकता है। इनके प्रदर्शन से पता चलता है कि आर्थिक गतिविधियां जोर पकड़ रही हैं जिससे रोजगार के
नई दिल्ली [हरिकिशन शर्मा]। नौकरी दिलाने वाली प्लेसमेंट एजेंसियों में फिर बहार आ गई है। इसका अंदाजा प्लेसमेंट एजेंसियों की ओर से चालू वित्त वर्ष में जमा किए गए सेवा कर की राशि से लगाया जा सकता है। इनके प्रदर्शन से पता चलता है कि आर्थिक गतिविधियां जोर पकड़ रही हैं जिससे रोजगार के अवसर दोबारा बढ़ने शुरू हो गए हैं।
सेंट्रल बोर्ड ऑफ एक्साइज एंड कस्टम के सूत्रों के मुताबिक वित्त वर्ष 2014-15 में एक अप्रैल से 22 जनवरी तक सेवा कर की वसूली में लगभग नौ प्रतिशत वृद्धि हुई है। खास बात यह है कि इस अवधि में नौकरी दिलाने और श्रमिकों की आपूर्ति करने वाली एजेंसियों से 6,777 करोड़ रुपये सेवा कर प्राप्त हुआ है जो पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि की तुलना मंे 23 प्रतिशत अधिक है।
दूसरी महत्वपूर्ण बात यह है कि अब यह श्रेणी दूरसंचार सेवाओं के बाद सबसे ज्यादा राजस्व देने वाली श्रेणी के तौर पर उभर रही है। अब तक सर्वाधिक सेवा कर दूरसंचार सेवाओं से ही आता था। लेकिन चालू वित्त वर्ष में जिस तरह प्लेसमेंट और श्रमिक आपूर्ति की सेवाओं की श्रेणी से प्राप्त सेवा कर में वृद्धि हो रही है उससे लगता है कि वित्त वर्ष पूरा होने तक यह सर्वाधिक राजस्व देने वाली सेवा बन जाएगी।
प्लेसमेंट एजेंसी और श्रमिक आपूर्ति करने वाली एजेंसियों के प्रदर्शन में अधिक तेजी इसी साल आई है क्योंकि सेवा कर में इस श्रेणी का योगदान वर्ष 2012 तक 4,431 करोड़ रुपये और 2011 में 3,847 करोड़ रुपये था। इस तरह इस सेवा से मिलने वाला राजस्व मात्र चार साल की अवधि में ही लगभग दोगुना हो गया है।
चालू वित्त वर्ष में 22 जनवरी तक दूरसंचार सेवाओं से 6,849 करोड़ रुपये सेवा कर प्राप्त हुआ है जो पिछले साल समान अवधि में 6,215 करोड़ रुपये था। इस तरह दूरसंचार सेवाओं से मिलने वाले सेवा क्षेत्र में मात्र 10 प्रतिशत की ही वृद्धि हुई है।
इसी तरह बिजनेस सपोर्ट सर्विसेज से चालू वित्त वर्ष में अब तक 6,110 करोड़ रुपये सेवा कर प्राप्त हुआ है जो पिछले साल के मुकाबले 24 प्रतिशत अधिक है। हवाई जहाज से सफर करने वाले घरेलू और अंतरराष्ट्रीय यात्री सेवाओं से भी चालू वित्त वर्ष में अब तक लगभग 20 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इसी तरह क्रेडिट, डेबिट कार्ड और अन्य तरह के लेन-देन पर लगने वाले सेवा कर में भी रिकॉर्ड 22 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
सर्वाधिक राजस्व देने वाली दस सेवाएं
सेवाएं कर
1. दूरसंचार सेवाएं 6849
2. प्लेसमेंट एजेंसियां 6777
3. जनरल इंश्योरेंस 6379
4. बिजनेस सपोर्ट सर्विसेज 6110
5. बिजनेस ऑक्सिलरी सर्विसेज 6089
6. अचल संपत्ति किराए पर देना 5928
7. वर्क्स कॉन्ट्रैक्ट सर्विस 5806
8. बैंकिंग और वित्तीय सेवाएं 5265
9. सड़क परिवहन सेवाएं 3784
10. आइटी सॉफ्टवेयर सेवाएं 3430
(नोट : आंकडे़ करोड़ रुपये में)