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दिल्ली-एनसीआर में प्याज का भाव 60 रुपये किलो

प्याज की कीमतें बेकाबू हो गई हैं। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में सीमित आपूर्ति की वजह से अच्छी क्वालिटी के प्याज 60 रुपये किलो के भाव से बिकने लगा है। हालांकि, थोड़ी कमजोर क्वालिटी वाला प्याज अभी 30 से 40 रुपये किलो के भाव बिक रहा है।

By Shashi Bhushan KumarEdited By: Published: Fri, 31 Jul 2015 09:02 AM (IST)Updated: Fri, 31 Jul 2015 09:14 AM (IST)
दिल्ली-एनसीआर में प्याज का भाव 60 रुपये किलो

नई दिल्ली। प्याज की कीमतें बेकाबू हो गई हैं। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में सीमित आपूर्ति की वजह से अच्छी क्वालिटी के प्याज 60 रुपये किलो के भाव से बिकने लगा है। हालांकि, थोड़ी कमजोर क्वालिटी का प्याज 30 से 40 रुपये किलो भी बिक रहा है।

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आने वाले दिनों में प्याज की कीमतों में और तेजी आने की आशंका के कारण सरकारी एजेंसियों एसएफएसी और नाफेड ने दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में 'सफल' और 'डीएमएस' खुदरा बिक्री केंद्रों के जरिये इसकी बिक्री शुरू की है।

लघु कृषक कृषि व्यवसाय संघ (एसएफएसी) और राष्ट्रीय कृषि सहकारिता विपणन महासंघ (नाफेड) ने मिलकर मूल्य स्थिरीकरण कोष (पीएसएफ) का उपयोग करते हुए महाराष्ट्र के नासिक से 7,000 से 8,000 टन प्याज खरीदा है।

एसएफएसी के प्रबंध निदेशक प्रवेश शर्मा ने बताया, 'हम मदर डेयरी के सफल बिक्री केंद्र और दिल्ली दुग्ध योजना (डीएमएस) बूथ के जरिये दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में विगत दो-तीन दिनों से प्याज की बिक्री कर रहे हैं, ताकि इसकी उपलब्धता बढ़ायी जा सके और कीमतों पर अंकुश लगाया जा सके।'

शर्मा ने कहा कि एसएफएसी, नाफेड के स्टॉक में रखे प्याज का भी विपणन कर रही है। मौजूदा समय में एसएफएसी सफल के 300 बिक्री केंद्रों और डीएमएस के 100 बूथों के जरिये प्रतिदिन करीब 100 टन प्याज बेच रही है।

उन्होंने कहा कि डीएमएस के बूथ पर प्याज की बिक्री 34 रुपये प्रति किलो के निर्धारित दर पर की जा रही है, जो बाजार की 40 से 42 रुपये प्रति किलो की दर से काफी कम है। 'सफल' के बिक्री केंद्र पर मूल्य का निर्धारण मदर डेयरी के द्वारा ही किया जा रहा है।

शर्मा ने कहा, प्याज की उपलब्धता बढ़ाने तथा कीमतों पर अंकुश रखने का प्रयास किया जा रहा है। हम बाजार में प्याज की आपूर्ति की और बढ़ाएंगे, जो कीमत की स्थिति पर निर्भर करेगा। आने वाले दिनों में एसएफएसी डीएमएस बूथ के जरिये प्याज की बिक्री की मात्रा बढ़ाएगी और अगर जरूरत हुई तो प्रत्यक्ष बिक्री के लिए उसकी मोबाइल वैन सेवा भी चलाने की योजना है।

महाराष्ट्र सहित देश के प्रमुख प्याज उत्पादक राज्यों में भंडारों में रखे प्याज के बर्बाद होने के चलते अच्छी क्वालिटी के प्याज की कमी हो गई है, जिस कारण हाल के सप्ताहों में थोक और खुदरा दोनों कीमतों में तेजी आई है। सिर्फ एक महीने में महाराष्ट्र की मंडियों में प्याज का दाम 160 फीसद से 200 फीसद तक उछल गया है। नासिक की लासलगांव मंडी में प्याज 3650 रुपये क्विंटल के स्तर पर पहुंच गया है।

गौर करने वाली बात ये है कि सरकार ने कीमतों पर काबू पाने के कई दावे किए थे, ऐसे ही हालात से निपटने के लिए प्राइस स्टेबिलाइजेशन फंड बनाया गया था, लेकिन इसके बावजूद प्याज की कीमतें रुकने का नाम नहीं ले रही हैं।

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