मोगा कांड में मुआवजे को लेकर हाइकोर्ट ने मांगा जबाव
मोगा कांड पर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने कड़ा रुख अपनाते हुए पंजाब के एडवोकेट जनरल अशोक अग्रवाल से पूछा की पीड़ित परिवार को सरकार ने कितना मुआवजा दिया हे और वो किस स्कीम के तहत दिया गया हे। सरकार पीड़ित परिवार को किस स्कीम के तहत नौकरी दे रही
नई दिल्ली। मोगा कांड पर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने कड़ा रुख अपनाते हुए पंजाब के एडवोकेट जनरल अशोक अग्रवाल से पूछा की पीड़ित परिवार को सरकार ने कितना मुआवजा दिया हे और वो किस स्कीम के तहत दिया गया हे। सरकार पीड़ित परिवार को किस स्कीम के तहत नौकरी दे रही हे। सरकार ने जो नौकरी देने की घोषणा की थी, वो किस नियम के तहत की है। कोर्ट के मित्र ने आरोप लगाया की पंजाब में 25 प्रतिशत बस गैर कानूनी बगैर परमिट चल रही हे। इस मामले की सुनवाई 30 जुलाई तक स्थगित कर दी गई है।
मोगा में ऑर्बिट बस में एक लड़की के साथ कथित छेड़छाड़ हुई थी। ये भी आरोप है कि लड़की और लड़की की माँ को चलती बस से फेंक दिया गया था। इस हादसे में लड़की की मौत हो गई और मोगा कांड को लेकर राज्य में काफ़ी हंगामा हुआ। यहां तक कि संसद में भी विपक्ष ने इस मुद्दे को उठाया था। ऑर्बिट बस कंपनी मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के परिवार की है।
लड़की के परिजनों ने पहले तो लड़की का अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया था। लेकिन चार दिन बाद वे सरकार की तरफ से भारी मुआवजा और परिवार के 16 साल के लड़के को सरकारी नौकरी देने की घोषणा के बाद मान गए थे।