बैंकों ने SC से कहा, विजय माल्या ने जानबूझकर नहीं किया पूरी संपत्ति का खुलासा
बैंकों के समूह ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट से कहा कि विजय माल्या जानबूझकर बैंकों के सामने अपनी पूरी संपत्ति का खुलासा नहीं किया है।
नई दिल्ली, प्रेट्र : स्टेट बैंक समेत विभिन्न बैंकों के संघ ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि भगोड़े उद्योगपति विजय माल्या ने जान-बूझकर अपनी सभी परिसंपत्तियों की घोषणा नहीं की। इन परिसंपत्तियों में एक ब्रिटिश फर्म से फरवरी में प्राप्त चार करोड़ डॉलर की राशि भी शामिल है। जबकि उन्होंने अपना जवाब मार्च में दाखिल किया था।
बैंकों के संघ की ओर से पेश अटार्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने सोमवार को जस्टिस कुरियन जोसेफ और आरएफ नरीमन की पीठ से कहा कि सुप्रीम कोर्ट के नियमों के मुताबिक अवमानना याचिका पर नोटिस जारी होने के बाद माल्या को अदालत में पेश होना चाहिए। चूंकि माल्या को पेशी से छूट नहीं दी गई है लिहाजा अब उनका पक्ष भी नहीं सुना जाना चाहिए।
माल्या की ओर से पेश वरिष्ठ वकील सीएस वैद्यनाथन ने बताया कि उन्होंने शीर्ष अदालत के पूर्व आदेश के रिकॉल के लिए याचिका दायर की है और अदालत की अवमानना नहीं की गई है। शीर्ष अदालत के परिसंपत्तियां घोषित करने के पूर्व आदेश का भी पालन किया गया है। इसके बाद पीठ ने माल्या की आदेश रिकॉल संबंधी याचिका पर अटार्नी जनरल को जबाव दाखिल करने का निर्देश दिया और सुनवाई 27 सितंबर तक स्थगित कर दी।
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हाल ही में बैंकों ने आरोप लगाया था कि मामलों की जांच में माल्या सहयोग नहीं कर रहे हैं और वह अपनी विदेशी परिसंपत्तियों की घोषणा भी नहीं करना चाहते। बैंकों का कहना था कि करीब नौ हजार करोड़ रुपये के ऋण की वसूली के लिए माल्या और उनके परिवार की विदेशी परिसंपत्तियों की घोषणा बेहद महत्वपूर्ण है। जबकि माल्या का कहना था कि बैंकों को उनकी विदेशी चल व अचल परिसंपत्तियों की जानकारी पाने का कोई अधिकार नहीं है क्योंकि 1988 से वह एनआरआइ हैं और एनआरआइ अपनी विदेशी परिसंपत्तियों की घोषणा करने के लिए बाध्य नहीं है।
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