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आइआरसीटीसी ने बढ़ाया सर्विस टैक्स, अब ई-टिकट खरीदना पड़ेगा और महंगा

इस वर्ष रेल किराया तो नहीं बढ़ाया गया है, लेकिन रेलवे आरक्षण काउंटर पर जाने के बजाय ई-टिकट खरीदकर यात्रा करने वालों से ज्यादा पैसा वसूलना शुरू कर दिया गया है। एक तो यात्रियों को अब ई-टिकट पर पहले से ज्यादा सेवा कर देना पड़ रहा है, वहीं भारतीय रेलवे

By Shashi Bhushan KumarEdited By: Published: Sat, 18 Apr 2015 09:58 PM (IST)Updated: Sun, 19 Apr 2015 09:40 AM (IST)
आइआरसीटीसी ने बढ़ाया सर्विस टैक्स, अब ई-टिकट खरीदना पड़ेगा और महंगा

नई दिल्ली (संतोष कुमार सिंह)। इस वर्ष रेल किराया तो नहीं बढ़ाया गया है, लेकिन रेलवे आरक्षण काउंटर पर जाने के बजाय ई-टिकट खरीदकर यात्रा करने वालों से ज्यादा पैसा वसूलना शुरू कर दिया गया है। एक तो यात्रियों को अब ई-टिकट पर पहले से ज्यादा सेवा कर देना पड़ रहा है, वहीं भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम (आइआरसीटीसी) ने भी अपनी सेवा शुल्क बढ़ाकर दोगुना कर दिया है। इससे अब ई-टिकट खरीदना पहले से महंगा हो गया है।

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पहले स्लीपर क्लास के लिए ई-टिकट खरीदने पर मात्र दस रुपये शुल्क लगता था, लेकिन अब इसके लिए 20 रुपये चुकाना पड़ेगा। वहीं किसी भी वातानुकूलित श्रेणी का टिकट खरीदने के लिए 40 रुपये अतिरिक्त देने होंगे।

रेल मंत्रालय की कोशिश ज्यादा से ज्यादा ई-टिकट बेचने की है। यात्रियों के लिए भी यह सुविधाजनक है। इसलिए आरक्षित टिकटों के साथ हीं सामान्य टिकट की बिक्री इंटरनेट से उपलब्ध कराने की योजना पर काम किया जा रहा है। ई-टिकट खरीदना सुविधाजनक हो इसके लिए पिछले वर्ष अप्रैल से आइआरसीटीसी की वेबसाइट पर नेक्सट जनरेशन ई-टिकट प्रणाली शुरू की गई है।

सेवा कर में भी हुई है बढ़ोतरी

ई-टिकट हो या आइ टिकट (इंटरनेट से टिकट बुक करने के बाद कोरियर से यात्री तक टिकट पहुंचाई जाती है।) दोनों में ही एक अप्रैल से ज्यादा पैसे वसूले जा रहे हैं। सेवा शुल्क में यह बढ़ोतरी इस बार के आम बजट में सेवा कर में लगभग डेढ़ फीसद की गई बढ़ोतरी के अतिरिक्त है। उल्लेखनीय है कि सेवा कर 12.6 फीसद से बढ़कर 14 फीसद हो गया है।

रोजाना सात लाख की बिक्री

इस बढ़ोतरी से आइआरसीटीसी को रोजाना लगभग दस करोड़ की अतिरिक्त आय होगी। अधिकारियों का कहना है कि इससे सेवा में और सुधार करने में मदद मिलेगी।

स्मार्ट फोन से लोग कहीं से भी यह काम कर सकते हैं। इसलिए ई टिकट खरीदने वालों की संख्या में तेजी से वृद्धि हो रही है। इस समय रोजाना लगभग सात लाख यात्री इंटरनेट से टिकट खरीदते हैं। इस वर्ष 1 अप्रैल को रिकार्ड 13.45 लाख ई-टिकट की बिक्री हुई थी।

ई-टिकट पर लगने वाला सेवा शुल्क

श्रेणी - पहले - अब

स्लीपर - 10 रुपये - 20 रुपये

एसी - 20 रुपये - 40 रुपये

आइ टिकट पर लगने वाला सेवा शुल्क

श्रेणी- पहले- अब

स्लीपर- 40 रुपये - 60 रुपये

एसी- 80 रुपये - 120 रुपये

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