IMF ने दी चेतावनी, ग्रोथ के लिए खर्च बढ़ाएं प्रमुख जी 20 देश
अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आइएमएफ) ने चेतावनी दी है कि ग्लोबल इकोनॉमी के लिए जोखिम बढ़ रहे हैं। ऐसे में सुस्ती से निपटने के लिए खर्च बढ़ने की अपील की है।
चेंगदू (चीन)। अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आइएमएफ) ने चेतावनी दी है कि ग्लोबल इकोनॉमी के लिए जोखिम बढ़ रहे हैं। सुस्ती ने इसे अपनी गिरफ्त में ले रखा है। इससे निपटने के लिए आइएमएफ ने प्रमुख जी-20 देशों से सरकारी खर्च में बढ़ोतरी की अपील की है। चीन के दक्षिण पश्चिमी शहर चेंगदू में शनिवार को दुनिया की टॉप 20 अर्थव्यवस्थाओं के केंद्रीय बैंक के प्रमुख और वित्त मंत्री जुटे।
ये ब्रेक्जिट के कारण उपजी नई परिस्थितियों के परिप्रेक्ष्य में ग्लोबल अर्थव्यवस्था के समक्ष चुनौतियों का समाधान खोजेंगे। आइएमएफ के मुताबिक, ग्लोबल ग्रोथ कमजोर बनी हुई है। इसके नीचे की ओर जाने के जोखिम ज्यादा हैं।
यूरोपीय संघ (ईयू) से ब्रिटेन के बाहर निकलने के पक्ष में हुई वोटिंग (ब्रेक्जिट) के मद्देनजर आर्थिक और राजनीतिक अनिश्चितता बढ़ने पर ग्रोथ और भी ज्यादा प्रभावित हो सकती है। हाल में आइएमएफ ने इस साल और अगले साल के लिए ग्लोबल ग्रोथ के अनुमानों को घटा दिया है।
ग्लोबल ग्रोथ के लिए अप्रैल में अपने ताजा अनुमानों में उसने 0.1 फीसद की कटौती की है। आइएमएफ चाहता है कि जर्मनी और अमेरिका जैसी विकसित अर्थव्यवस्थाएं इंफ्रास्ट्रक्चर में सार्वजनिक खर्च को और ज्यादा बढ़ाएं। इससे ग्लोबल ग्रोथ को रफ्तार देने में मदद मिलेगी।
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ब्रेक्जिट को लेकर ब्रिटेन पर दबाव
कुछ यूरोपीय और एशियाई देशों से ब्रिटेन पर दबाव बन रहा है कि वह यूरोपीय संघ से निकलने की दिशा में अधिक तत्परता दिखाए। हालांकि, अमेरिका का कहना है कि यह प्रक्रिया काफी संवेदनशील है और इसमें जल्दबाजी नहीं की जानी चाहिए। दरअसल, फ्रांस और इटली जैसे देश अब इस संबंध में अधिक स्पष्टता चाहते हैं कि कितनी जल्दी ब्रिटेन ईयू से निकलने की प्रक्रिया शुरू करता है।
अतिरिक्त स्टील उत्पादन से निपटेंगे
जी20 देशों ने मिलकर स्टील और कुछ अन्य उद्योगों में अतिरिक्त उत्पादन क्षमता की समस्या से निपटने की प्रतिबद्धता जताई है। इनमें बाजार को बिगाड़ने वाली सरकारी सब्सिडी का मुद्दा भी शामिल है।
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भारतीय कंस्ट्रक्शन इंडस्ट्री बढ़ाए स्टील का इस्तेमाल
भारत के विशाल कंस्ट्रक्शन सेक्टर को स्टील का उपयोग बढ़ाना चाहिए ताकि वाणिज्यिक और आवासीय परिसरों के विकास में तेजी लाई जा सके। इससे वह स्वदेशी सांस्कृतिक पहचान को भी बनाए रख सकेगा। यहां आयोजित बिजनेस एक्सीलेंस एंड रिसर्च ग्रुप अवार्ड में इंजीनियरों और आर्किटेक्ट की ओर से यह मांग की गई।