यूपी में औद्योगिक क्षेत्रों के लिए 500 मिलियन डॉलर की योजना
उत्तर प्रदेश सरकार ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरीडोर के अंतर्गत आगरा-फीरोजाबाद, कानपुर-औरैया-उन्नाव-लखनऊ व इलाहाबाद-वाराणसी के औद्योगिक क्षेत्रों का कायाकल्प करेगी। इन तीन उप क्षेत्रों के औद्योगिक क्षेत्रों में अवस्थापना सुविधाओं के विकास के लिए सरकार ने विश्व बैंक से 500 मिलियन डॉलर का कर्ज हासिल करने का प्रस्ताव तैयार किया है।
लखनऊ [राजीव दीक्षित]। उत्तर प्रदेश सरकार ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरीडोर के अंतर्गत आगरा-फीरोजाबाद, कानपुर-औरैया-उन्नाव-लखनऊ व इलाहाबाद-वाराणसी के औद्योगिक क्षेत्रों का कायाकल्प करेगी। इन तीन उप क्षेत्रों के औद्योगिक क्षेत्रों में अवस्थापना सुविधाओं के विकास के लिए सरकार ने विश्व बैंक से 500 मिलियन डॉलर का कर्ज हासिल करने का प्रस्ताव तैयार किया है। इस धन से औद्योगिक क्षेत्रों में बुनियादी ढांचा दुरुस्त करने के लिए तैयार की गई योजना को चार चरणों में अंजाम दिया जाएगा। प्रस्ताव को हाल ही में मुख्य सचिव आलोक रंजन की अध्यक्षता में हुई बैठक में स्वीकृति मिलने के बाद अब इसे कैबिनेट से मंजूरी दिलाने की कवायद चल रही है।
प्रस्ताव के तहत विश्व बैंक से मिलने वाली धनराशि से मौजूदा औद्योगिक क्षेत्रों और नये औद्योगिक क्लस्टरों में अवस्थापना सुविधाओं का विकास कराया जाएगा। अवस्थापना कार्यो में समन्वय के साथ तीनों उप क्षेत्रों में परियोजना के प्रबंधन के लिए संस्थाओं को मजबूत भी किया जाएगा। पहले चरण में मौजूदा औद्योगिक क्षेत्रों में जलापूर्ति, लिक्विड वेस्ट मैनेजमेंट, अंदरूनी सड़कें, स्ट्रीट लाइट व यातायात सुविधाएं सुधारने के साथ ट्रक टर्मिनल, मालगोदाम और कॉमन फैसिलिटी सेंटर स्थापित करने की मंशा है। दूसरे चरण में नये औद्योगिक क्षेत्रों में जहां भूमि अधिग्रहण की कार्यवाही पूरी हो चुकी है, वहां भी इसी तरह की अवस्थापना सुविधाएं विकसित की जाएंगी। तीसरे चरण में औद्योगिक क्लस्टरों में उन्नत जलापूर्ति और विद्युत सुविधाएं उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जाएगी। यह काम संबंधित विभागों के साथ समन्वय से कराया जाएगा। चौथे चरण में औद्योगिक इकाइयों को संचालित करने के लिए संस्थाओं को मजबूत करने पर जोर होगा। इसके लिए प्रोजेक्ट मैनेजमेंट, मास्टर प्लान/रीजनल प्लान विकसित किये जाने के साथ अमृतसर-कोलकाता औद्योगिक गलियारे के कानपुर-औरैया व उन्नाव-लखनऊ उप क्षेत्रों में 19 ग्रीन फील्ड रेलवे स्टेशनों को विकसित करने का इरादा है।
योजना के तहत सरकार ने पुराने और नये औद्योगिक क्षेत्रों के विकास को बराबर तवज्जो दी है। प्रस्तावित परियोजना लागत का 35 प्रतिशत पुराने औद्योगिक क्षेत्रों, 40 फीसद नये औद्योगिक क्षेत्रों, 18 प्रतिशत अवस्थापना सुविधाओं के समन्वय और सात फीसद संस्थागत के सुदृढ़ीकरण पर खर्च किया जाएगा। योजना को अमली जामा पहनाने के लिए उप्र राज्य औद्योगिक विकास निगम (यूपीएसआइडीसी) को कार्यदायी संस्था नामित करने के साथ परियोजना के प्रबंधन के लिए प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट स्थापित करने का प्रस्ताव है। गौरतलब है कि ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरीडोर में अवस्थापना सुविधाओं के विकास के सिलसिले में विश्व बैंक की टीम ने पिछले साल 12 व 13 दिसंबर को कानपुर व उन्नाव का भ्रमण किया था। भ्रमण के बाद विश्व बैंक टीम ने प्रस्तावित परियोजना के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करने की अपेक्षा की थी।
यहां होगा कायाकल्प
1. आगरा-फीरोजाबाद
2. कानपुर-औरैया-उन्नाव-लखनऊ
3. इलाहाबाद-वाराणसी