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छोटे कारोबारियों पर टिकीं बड़ी ई-कॉमर्स कंपनियों की उम्मीदें

इस बार का त्योहारी मौसम देशी और विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियो के बीच होने वाले मुकाबले के लिए जाना जाएगा।

By Shashi Bhushan KumarEdited By: Published: Sat, 10 Oct 2015 05:54 PM (IST)Updated: Sat, 10 Oct 2015 05:54 PM (IST)
छोटे कारोबारियों पर टिकीं बड़ी ई-कॉमर्स कंपनियों की उम्मीदें

नई दिल्ली। इस बार का त्योहारी मौसम देशी और विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियो के बीच होने वाले मुकाबले के लिए जाना जाएगा। अमेरिका की ई-बे और अमेजन तथा भारत की स्नैपडील व फ्लिपकार्ट त्योहारी सीजन में ज्यादा से ज्यादा कारोबार करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ना चाहतीं। इसके लिए इन कंपनियों ने देश के छोटे कारोबारियों पर खास तौर पर ध्यान देना शुरू कर दिया है। "बिग बिलियन डे" नारे के साथ त्योहारी सीजन धमाका करने में जुटी फ्लिपकार्ट छोटे शहरों के हजारों छोटे व मझोले कारोबारियों को अपने प्लेटफॉर्म के जरिये जोड़ने की मुहिम चालू की है। अमेजन और ई-बे भी छोटे कारोबारियों को जोड़ने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रही हैं।

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फ्लिपकार्ट के वाइस प्रेसिडेंट मनीष माहेश्वरी ने बताया कि त्योहारी सीजन में कारोबार में जबरदस्त बढ़ोतरी का फायदा छोटे व मझोले उद्यमियों को देने की तैयारी है। देश के विभिन्न हिस्सों में 6,000 ऐसे उद्यमियों को बाजार में बिकने वाले उत्पादों, मांग में बदलाव के मुताबिक उत्पाद तैयार करने के साथ ही पैकेजिंग वगैरह की भी ट्रेनिंग दी जाएगी। मांग बढ़ने पर आपूर्ति को किस तरह से बनाए रखा जाए, कम समय में कैसे ज्यादा सामान की सप्लाई की जाए, इन सभी की ट्रेनिंग दी जाएगी। कंपनी की योजना थोड़े समय में ऐसे 50 हजार उद्यमियों को जोड़ने की है। फ्लिपकार्ट को उम्मीद है कि इस सीजन में उसकी साइट पर उत्पादों की बिक्री में 40 फीसद का इजाफा होगा।

लेकिन कई कंपनियां ऐसी हैं, जिन्हें कारोबार में 67 फीसद तक वृद्धि की उम्मीद है। अमेजन की तरफ से भी सप्लायर्स को खास ट्रेनिंग देने का काम शुरू किया गया है, ताकि ग्राहकों की तरफ से मांग बढ़ने पर कंपनी को शर्मिंदगी का सामना नहीं करना पड़े। ई-कॉमर्स कंपनियों की आक्रामक रणनीति की वजह से छोटे स्तर पर सामान आपूर्ति करने वाले कारोबारियों को काफी राहत मिल रही है। साथ ही फ्लिपकार्ट, अमेजन जैसी ई-कॉमर्स ग्राहकों को लुभाने के लिए न सिर्फ 80 फीसद तक डिस्काउंट दे रही हैं, बल्कि टीवी और अखबारों में विज्ञापन पर भी बहुत ज्यादा पैसा खर्च कर रही हैं।

जानकारों की मानें तो छोटे कारोबारियों पर ये कंपनियां इसलिए ध्यान दे रही हैं ताकि छोटे शहरों में तेजी से पैर फैलाया जा सके। पिछले दिनों गूगल व टेक्नोपार्क इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत के ई-कॉमर्स का मौजूदा आकार पांच अरब डॉलर अगले पांच वर्षों में 75 अरब डॉलर हो सकता है। कारोबार का एक बहुत बड़ा हिस्सा गैर-मेट्रो शहरों से आएगा। अभी तक ई-कॉमर्स कंपनियों के कारोबार में मेट्रो व बड़े शहरों का हिस्सा लगभग 80 फीसद के करीब है। लेकिन धीरे-धीरे छोटे शहरों में इनका हिस्सा बढ़ता जाएगा। ऐसे में ई-कॉमर्स कंपनियों को दूरदराज के शहरों में भी उत्पादों की आपूर्ति करने वाले चाहिए।

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