महंगाई रोकने के लिए भंडार में है पर्याप्त अनाज
सरकार को उम्मीद है कि मुद्रास्फीति काबू में रहेगी और मॉनसूनी वर्षा कम होने पर भी अनाज की कमी से निपटने के लिए उसके पास इसका पर्याप्त भंडार पड़ा है। यह बात आज मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यन ने कही। उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, 'एक चीज जो आने वाले
नई दिल्ली। सरकार को उम्मीद है कि मुद्रास्फीति काबू में रहेगी और मॉनसूनी वर्षा कम होने पर भी अनाज की कमी से निपटने के लिए उसके पास इसका पर्याप्त भंडार पड़ा है। यह बात आज मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यन ने कही। उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, 'एक चीज जो आने वाले दिनों में मुद्रास्फीति को प्रभावित करने वाली है, वह है मॉनसून। चूंकि हमारे पास अनाज का पर्याप्त भंडार है और यदि मॉनसून अच्छा नहीं भी रहता है तब भी हम मुद्रास्फीति को नियंत्रित रखने में कामयाब रहेंगे।' भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने इस बार सामान्य से कम बारिश का अनुमान जताया है जिससे खाद्य उत्पादन प्रभावित हो सकता है और मूल्य बढ़ सकते हैं।
सुब्रमण्यन ने स्वीकार किया कि मुद्रास्फीति बढऩे का जोखिम बना हुआ है। पर उन्होंने भरोसा जताया कि सरकार मूल्य वृद्धि काबू में रखने में कामयाब रहेगी जैसा कि पिछले वित्त वर्ष के दौरान किया गया था। उन्होंने कहा कि फिलहाल मुद्रास्फीति के मोर्चे पर स्थिति बेहतर है और उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित मुद्रास्फीति घटकर पांच प्रतिशत और थोकमूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति पिछले कई महीनों से शून्य से नीचे है।
उन्होंने कहा, 'ताजा आकलन के मुताबिक खुदरा मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति करीब पांच प्रतिशत पर है और थोकमूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति शून्य से 2.7 प्रतिशत कम रही।' आर्थिक समीक्षा के अनुमान के मुताबिक चालू वित्त वर्ष में मुद्रास्फीति पांच से 5.5 प्रतिशत के बीच रहेगी। सुब्रमण्यन ने कहा कि आने वाले दिनों कच्चे तेल की कीमत यदि 50-80 डॉलर के बीच रहेगी और बहुत तेज उतार-चढ़ाव नहीं होंगे।
उन्होंने कहा, 'कुल मिलाकर मुद्रास्फीति कम है और मुद्रास्फीति की संभावना अच्छी दिख रही है। उल्लेखनीय मात्रा तथा राजकोषीय पुनर्गठन की गुणवत्ता और वाह्य स्थिति भी नियंत्रण में है।'