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मांग बढ़ने की उम्मीद में खिला उद्योग जगत

7वें वेतन आयोग की रिपोर्ट लागू होने और वेतन में अच्छी खासी बढ़ोतरी से केंद्र सरकार के कर्मचारियों को तो फायदा होगा ही लेकिन उद्योग जगत भी कम खुश नहीं है।

By Manish NegiEdited By: Published: Thu, 30 Jun 2016 05:06 AM (IST)Updated: Thu, 30 Jun 2016 05:12 AM (IST)
मांग बढ़ने की उम्मीद में खिला उद्योग जगत

नई दिल्ली, (जागरण ब्यूरो)। 7वें वेतन आयोग की रिपोर्ट लागू होने और वेतन में अच्छी खासी बढ़ोतरी से केंद्र सरकार के कर्मचारियों को तो फायदा होगा ही लेकिन उद्योग जगत भी कम खुश नहीं है। वजह यह है कि जब देश के लाखों लोगों के जेब में अतिरिक्त पैसा आएगा तो वह कई जगहों पर उसे खर्च करेंगे। इससे घरेलू मांग बढ़ेगी। यही वजह है कि देश की ऑटोमोबाइल, घरेलू इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरण बनाने वाली और रियल एस्टेट क्षेत्र की कंपनियां केंद्र सरकार के फैसले से सबसे ज्यादा खुश हैं। कई उद्योगों की घरेलू मांग में बढ़ोतरी से देश की अर्थव्यवस्था पर सीधा असर पड़ने की संभावना भी जताई जा रही है।

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कुछ महीने पहले जब 7वें वेतन आयोग ने अपनी सिफारिशें सरकार को सौंपी थी तब बैंक ऑफ अमेरिका मेरिल लिंच ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि इसके पहले छठे वेतन आयोग की रिपोर्ट के लागू होने से भारतीय अर्थव्यवस्था वर्ष 2008 में आई वैश्विक मंदी से काफी हद तक बची रह गई थी। तब केंद्र सरकार के कर्मचारियों के वेतन में औसतन 35 फीसद की वृद्धि हुई थी और देर से लागू होने की वजह से कर्मचारियों को लगभग 30 महीने की बकाये राशि का भुगतान किया गया था। एक साथ इतनी बड़ी राशि के भुगतान ने पांच वर्षो तक घरेलू मांग को बनाये रखने में अहम भूमिका निभाई।

रेलीगियर और क्रेडिट स्विस ने भी अपनी रिपोर्ट में सातवें वेतन आयोग की वजह से उपभोक्ता मांग में भारी बढ़ोत्तरी की बात की है। रेटिंग एजेंसी इकरा की प्रमुख अर्थशास्त्री अदिति नायर का मानना है कि 'उपभोक्ता सामान उद्योगों पर सबसे ज्यादा सकारात्मक असर पड़ेगा क्योंकि उनकी मांग सबसे ज्यादा बढ़ेगी। इससे महंगाई में तो थोड़ा इजाफा होगा लेकिन अर्थव्यवस्था की रफ्तार तेज होगी।' क्रिसिल रेटिंग एजेंसी के प्रमुख अर्थशास्त्री डी के जोशी का कहना है कि जब ब्रेक्सिट की वजह से दुनिया में मांग घटने के कयास लगाये जा रहे हैं तब वेतन आयोग की यह रिपोर्ट भारत में मांग को बढ़ाने में मदद करेगी।

एसोचैम के महासचिव डी एस रावत के मुताबिक जब देश के मध्यम वर्ग में एक साथ एक लाख करोड़ रुपये की राशि दी जाएगी तो उससे हर तरह की मांग बढ़ेगी। रियल एस्टेट कंपनियों के संगठन क्रेडाई के वाइस प्रेसिडेंट अमित मोदी का कहना है कि हाल में सरकार ने रियल एस्टेट क्षेत्र में एफडीआइ बढ़ाने का फैसला किया है और उसके बाद वेतन वृद्धि। ये दोनों फैसले मिल कर रियल एस्टेट बाजार में मंदी को खत्म करेंगे। सरकार ने आवास किराये भत्ते में 137 फीसद का इजाफा किया है जिससे भी रिएल एस्टेट कारोबार को फायदा होगा।पिछले दो वर्षो से भारतीय बाजार में बहुत ही बुरा वक्त देख रही तमाम ऑटोमोबाइल कंपनियां भी वेतन आयोग की रिपोर्ट के लागू होने का बेसब्री से इंतजार कर रही थी।

देश की सबसे बड़ी कार कंपनी मारुति सुजुकी तो वेतन आयोग की सिफारिशों के माहौल में अपनी बिक्री और बढ़ाने के लिए नया अभियान शुरु करेगी। सरकारी नौकरीपेशा लोगों के लिए कंपनी की नई रणनीति होगी। कंपनी के प्रवक्ता के मुताबिक पांचवे व छठे वेतन आयोग की सिफारिशों के बाद भी हमारी कारों की बिक्री काफी बढ़ी थी। इस बार भी हम ज्यादा मॉडल के साथ व बेहतर रणनीति के साथ तैयार हैं। होंडा के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट (सेल्स व मार्केटिंग) ज्ञानेश्वर सेन ने कुछ दिन पहले दैनिक जागरण को बताया था कि बेहतर मानसून और सातवां वेतन आयोग से आने वाले दिनों में कारों की बिक्री बढ़ेगी। दोपहिया वाहन कंपनियों की बिक्री भी बढ़नी तय हैं। कारों की बिक्री के साथ ही ऑटो पार्ट्स और ऑटो इंश्योरेंस कारोबार को भी फायदा होगा।

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