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कच्चा तेल 21 फीसद लुढ़का, सात सालों का टूटा रिकार्ड

कच्चे तेल के दामों में लगातार कमी देखी जा रही है। जुलाई के महीने में कच्चे तेल के दाम में 21 फीसद की कमी आई है। साल 2008 के बाद पहली बार कच्चे तेल के दाम में इतनी ज्यादा कमी आई है। साल 2011 में कच्चे तेल की कीमत जहां

By Shashi Bhushan KumarEdited By: Published: Sat, 01 Aug 2015 02:35 PM (IST)Updated: Sat, 01 Aug 2015 02:59 PM (IST)
कच्चा तेल 21 फीसद लुढ़का, सात सालों का टूटा रिकार्ड

नई दिल्ली। कच्चे तेल के दामों में लगातार कमी देखी जा रही है। जुलाई के महीने में कच्चे तेल के दाम में 21 फीसद की कमी आई है। साल 2008 के बाद पहली बार कच्चे तेल के दाम में इतनी ज्यादा कमी आई है। साल 2011 में कच्चे तेल की कीमत जहां 120 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गई थी, वहीं साल 2015 में कच्चे तेल के दाम नाइमैक्स पर 59.35 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर कारोबार करता नजर आया, जो कि शुक्रवार को 47.12 डॉलर प्रति बैरल पर बंद हुआ है। बीते एक महीने के दौरान डब्ल्यूटीआई कच्चा तेल की कीमतों में 12 डॉलर (20.60 फीसदी) से अधिक की गिरावट दर्ज की गई।

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कच्चे तेल की कीमतों में बड़ी गिरावट की वजह वैश्विक बाजार में इसकी भरपूर आपूर्ति का होना है। जो देश कच्चे तेल का उत्पादन करते हैं वह कीमतें घटने पर इसके उत्पादन में कटौती करने लगते हैं। लेकिन ईरान के साथ विश्व के पांच ताकतवर देशों के समझौते के बाद बाजार में ईरान बड़े पैमाने पर तेल की आपूर्ति करने वाला है। इसे देखते हुए कच्चा तेल उत्पादक देश कटौती नहीं कर रहे हैं। दूसरी तरफ अमेरिका में लगातार कच्चे तेल के कुंओं की संख्या बढ़ती जा रही है। इस वक्त विश्व में कच्चे तेल का उत्पादन जरूरत से कहीं ज्यादा हो रहा है इसलिए इसकी कीमतें घट रही है।

विशेषज्ञों के मुताबिक आने वाले दिनों में कच्चा तेल की कीमतें 45 डॉलर प्रति बैरल के नीचे फिसल सकती है। पेट्रोलियम निर्यातक देशों का संगठन ओपेक के महासचिव अब्दुल्ला अल-बाद्री ने कहा कि कच्चे तेल की कीमतों में आई गिरावट के कारण हम उत्पादन में कटौती नहीं करेंगे। अल-बाद्री ने बताया कि ईरान और प्रमुख देशों के बीच परमाणु समझौते के बाद बढ़ने वाली कच्चा तेल की सप्लाई से ओपेक चिंतित नहीं है।

अल-बाद्री के मुताबिक, ओपेक अगर कच्चे तेल के उत्पादन में 20 लाख बैरल प्रति दिन की कटौती भी करता है तो इसका फायदा कीमतों को नहीं मिलेगा। दूसरी तिमाही में ओपेक देशों ने 312.5 लाख बैरल प्रति दिन कच्चा तेल उत्पादन किया है, जो की मांग के मुकाबले करीब 30 लाख बैरल ज्यादा है। एक सर्वे के मुताबिक, जुलाई के दौरान ओपेक देशों ने रोजाना 320 लाख बैरल कच्चा तेल उत्पादन किया है, जो कि जून के मुकाबले 1.40 लाख बैरल ज्यादा है।


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