सीसीआइ के अधिकारों में हो सकता है भारी इजाफा
अगर भारतीय वित्त कोड (आइएफसी) के कुछ प्रावधान हकीकत बन पाए तो भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग यानी सीसीआइ के अधिकारों में भारी इजाफा हो जाएगा। आइएफसी के तहत सीसीआइ को बाध्यकारी निर्देश देने का भी अधिकार मिल जाएगा।
नई दिल्ली। अगर भारतीय वित्त कोड (आइएफसी) के कुछ प्रावधान हकीकत बन पाए तो भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग यानी सीसीआइ के अधिकारों में भारी इजाफा हो जाएगा। आइएफसी के तहत सीसीआइ को बाध्यकारी निर्देश देने का भी अधिकार मिल जाएगा।
नियामक को इतने तगड़े अधिकार देने का मकसद बाजार में प्रतिस्पर्धा सुनिश्चित करना है। नए कोड के मसौदे में प्रतिस्पर्धा की खातिर वित्तीय नियामकों द्वारा नए नियम बनाने के वक्त भी सीसीआइ की राय लिए जाने का प्रावधान किया गया है।
कोड के मसौदे पर वित्त मंत्रालय ने इसी हफ्ते लोगों की राय मांगी है। इसमें कहा गया है कि कोई भी नियम बनाते हुए वित्तीय क्षेत्र के सभी नियामकों को सीसीआइ राय को भी ध्यान में रखना चाहिए। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआइ) को भी प्रतिस्पर्धा नियामक की सलाह लेनी होगी।
इसके अलावा अगर सीसीआइ को लगता है कि किसी वित्तीय नियामक के खास नियमन के नकारात्मक प्रभाव दूर करने के लिए उसके पास बाध्यकारी आदेश जारी करने का अधिकार होगा। इन नकारात्मक प्रभावों का मतलब वित्तीय उत्पाद एवं सेवाओं के लिए बाजार में प्रतिस्पर्धा पर रोक, बंदिश या किसी तरह की गड़बड़ी से है।