कोयला घोटाला में नवीन जिंदल समेत कोड़ा और राव को मिली जमानत
कोयला घोटाले में शुक्रवार को दिल्ली की एक अदालत ने कांग्रेस नेता और उद्योगपति नवीन जिंदल को जमानत दे दी। कोर्ट ने मामले के सभी आरोपियों पर बिना अनुमति देश से बाहर पर रोक लगा दी है। मामले की अगली सुनवाई 1 जून को होगी। पटियाला हाउस कोर्ट की विशेष अदालत
नई दिल्ली। कोयला घोटाले के मामले में कांग्रेस नेता और उद्योगपति नवीन जिंदल, पूर्व कोयला राज्यमंत्री दसारि नारायण राव, झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु को़डा तथा सात अन्य को विशेष अदालत ने शुक्रवार को ब़़डी राहत देते हुए सशर्त जमानत दे दी। उन्हें सबूतों से छेड़छाड़ या गवाहों को प्रभावित नहीं करने का आदेश दिया गया है। इन लोगों ने कोर्ट में पेश होकर कहा कि उन्होंने जांच में सहयोग किया है और उनके भागने की कोई आशंका नहीं है। लिहाजा उन्हें जमानत दी जाए।
कोर्ट ने जिंदल, राव तथा कोड़ा के अलावा पूर्व कोयला सचिव हरीश चंद्र गुप्ता तथा छह अन्य को एक--एक लाख रपए के निजी बांड भरने के आधार पर जमानत मंजूर की। विशेष सीबीआई जज भरत पाराशर ने आरोपियों को बगैर अदालती अनुमति से देश नहीं छोड़ने का निर्देश देते हुए मामले में अगली सुनवाई 1 जून को मुकर्रर कर दी। उस दिन दस्तावेजों की जांच की जाएगी। न्यायहित में जमानत जमानत मंजूर करते हुए जज ने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं कि आरोपियों के खिलाफ संगीन आरोप हैं और वे समाज में ऊंची हैसियत भी रखते हैं। लेकिन यह भी सच है कि जांच के दौरान सीबीआई ने किसी भी आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया। जांच में सहयोग नहीं करने के भी आरोप नहीं हैं।
जज ने कहा- 'इसलिए मैं फिलहाल केस के गुण--दोष के विस्तार में जाए बिना न्यायहित में सभी दस आरोपियों को जमानत देना उचित मानता हूं।' सीबीआई की दलील सुनवाई के दौरान सीबीआई ने जिंदल तथा अन्य आरोपियों की जमानत का विरोध करते हुए कहा कि ये ऊंची हैसियत वाले उद्योगपति, नेता तथा लोकसेवक हैं। वरिष्ठ लोक अभियोजक वीके शर्मा ने कहा कि अभियोजन के अधिकांश गवाह आरोपियों के विभिन्न उद्योगों के कर्मचारी हैं। इसलिए सबूतों से छेड़छाड़ की आशंका है। आरोपों की गंभीरता को देखते हुए भी आरोपियों को जमानत नहीं दी जानी चाहिए। कोर्ट ने इन आरोपियों को झारखंड के अमरकोंडा मुर्गादंगल कोल ब्लॉक जिंदल समूह की दो कंपनियों-- जिंदल स्टील एंड पावर लि। ([जेएसपीएल)] तथा गगन स्पॉन्ज आयरन प्रा. लि. ([जीएसआईपीएल)] को आवंटन में कथित ग़़डब़ि़डयों के केस में तलब किया था।
राव ने घसीटा मनमोहन का नाम
पूर्व कोयला राज्यमंत्री नारायण राव ने शुक्रवार को कोयला घोटाले में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का नाम घसीटते हुए विशेषष अदालत में कहा कि कोयला ब्लॉकों के आवंटन का फैसला उनके ([मनमोहन के)] कार्यालय द्वारा लिया गया था। उस समय मनमोहन सिंह के पास कोयला मंत्रालय का भी प्रभार था। राव की ओर से पेश अधिवक्ता ने अपने मुवक्किल के लिए जमानत की मांग करते हुए कहा कि राव का नवीन जिंदल समूह की कंपनियों को झारखंड में अमरकोंडा मुर्गादंगल कोयला ब्लॉक आवंटन से कोई लेना--देना नहीं है। राव के वकील ने कहा-- 'आवंटन के बारे में अंतिम फैसला कोयला मंत्री ने लिया था, जो उस समय प्रधानमंत्री थे। मेरा इससे कोई लेना--देना नहीं है। कोयला राज्यमंत्री के रूप में राव ने सिर्फ नोट्स को आगे ब़़ढाया।'
इन्हें भी मिली राहत
कोर्ट ने न्यू देल्ही एक्जिम प्रा. लि. के निदेशक सुरेश सिंघल, जिंदल रियल्टी प्रा. लि. के निदेशक राजीव जैन, गगन स्पॉन्ज आयरन प्रा. लि के निदेशकों- गिरीश कुमार सुनेजा तथा राधा कृष्ण सराफ, सौभाग्य मीडिया लि. के प्रबंध निदेशक के. रामकृष्णन तथा चार्टर्ड अकाउंटेंट ज्ञान स्वरूप गर्ग को भी जमानत दी है। इन दसों आरोपियों के अलावा पांच कंपनियों के अधिकृत प्रतिनिधि भी कोर्ट में पेश हुए। कोर्ट में सुनवाई के बाद जेएसपीएल ने एक बयान में कहा कि कोर्ट को सूचित किया गया है कि नक्सल प्रभावित कोयला ब्लॉक में कोई खनन नहीं हुआ, इसलिए किसी को नफा-नुकसान की बात नहीं है।
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