केंद्र जल्द ही न्यूनतम वेतन कानून बनाएगा, सभी राज्यों को करना होगा लागू
केंद्र सरकार जल्द ही एक राष्ट्रीय न्यूनतम वेतन अधिनियम बनाएगी जिसे सभी राज्य सरकारों को लागू करना होगा। श्रम मंत्री बंडारू दत्तात्रेय ने भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) की राष्ट्रीय परिषद की बैठक के अवसर पर कहा, 'न्यूनतम वेतन राज्य सरकारों को तय करना होता है लेकिन हम एक राष्ट्रीय न्यूनतम
कोलकाता। केंद्र सरकार जल्द ही एक राष्ट्रीय न्यूनतम वेतन अधिनियम बनाएगी जिसे सभी राज्य सरकारों को लागू करना होगा। श्रम मंत्री बंडारू दत्तात्रेय ने भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) की राष्ट्रीय परिषद की बैठक के अवसर पर कहा, 'न्यूनतम वेतन राज्य सरकारों को तय करना होता है लेकिन हम एक राष्ट्रीय न्यूनतम वेतन कानून चाहते हैं। हम ऐसा एक कानून बनाना चाहते हैं, यह सांविधिक होगा और प्रत्येक राज्य सरकार को इस न्यूनतम वेतन को लागू करना होगा। मंत्री ने कहा कि वेतन के बारे में फॉर्मूला तैयार है और यह जल्द ही सामने आएगा।
उन्होंने कहा, 'अभी हम फॉर्मूला तैयार कर रहे हैं और एक अथवा दो महीने के भीतर हम इसके साथ आगे बढ़ेंगे और राष्ट्रीय स्तर पर न्यूनतम वेतन क्या होगा इसकी घोषणा करेंगे। इसी के अनुरूप फिर सभी राज्य सरकारों को इसे लागू करना होगा।'
श्रम मंत्री ने कहा कि इस मामले में राज्य सरकारों और श्रमिक संघों के साथ बातचीत पूरी कर ली गई है। इस मुद्दे पर राज्यों के साथ साथ श्रमिक संगठनों से हमने पहले ही बातचीत कर ली है .. और श्रमिक संगठन 15,000 रुपये मासिक न्यूनतम वेतन रखे जाने की मांग कर रहे हैं। दत्तात्रेय ने कहा कि इस वित्त वर्ष के अंत तक केन्द्र करीब एक करोड़ लोगों की नियुक्ति करेगा। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार की योजना सभी श्रम कानूनों में सुधार लाकर चार प्रमुख संहिता बनाने की है।
उन्होंने कहा, देश में करीब 44 श्रम कानून हैं। हम चाहते हैं कि श्रम क्षेत्र के चार प्रमुख कानून हों, क्योंकि ये कानून 50 साल पहले बनाये गये थे। इन कानूनों को आज की स्थिति के अनुरूप सरल, तर्कसंगत और जटिल प्रक्रिया से बचाने के लिये इनमें सुधार जरूरी है। इसलिये हम चार संहितायें लाने की योजना बना रहे हैं।