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7वां वेतन आयोगः पैसों की वृद्धि के साथ इस तरह बढ़ेगा महंगाई का ग्राफ

सातवें वेतन आयोग से जहां 1 करोड़ से ज्यादा लोगों को लाभ मिलेगा वहीं इससे मंहगाई भी बढ़ेगी।

By Kishor JoshiEdited By: Published: Thu, 30 Jun 2016 10:20 AM (IST)Updated: Thu, 30 Jun 2016 11:34 AM (IST)
7वां वेतन आयोगः पैसों की वृद्धि के साथ इस तरह बढ़ेगा महंगाई का ग्राफ

नई दिल्ली [किशोर जोशी]। सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने के बाद जहां लगभग 1 करोड केंद्रीय कर्मचारियों (सेवानिवृत्त भी शामिल) के वेतन में वृद्धि होगी तो वहीं कुछ क्षेत्रों में इसका सकारात्मक असर भी देखने को मिलेगा। लेकिन दूसरा पहलू यह भी है कि इसके लागू होने के बाद महंगाई में भी वृद्धि होगी। जहां एक और इससे रीयल एस्टेट सेक्टर और ऑटोमोबाइल सेक्टर जैसे संगठित क्षेत्रों में इससे उछाल आएगा। वहीं असंगठित क्षेत्र, रेहड़ी, खोमचा, ईट और मझौलों उद्योगों में महंगाई की मार पडेगी।

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बाजार में कैश फ्लो बढ़ेगा

केंद्र सरकार की बढ़ोतरी के बाद राज्य सरकारें और दूसरे संगठन भी अपने कर्मचारियों के वेतन में वृद्धि करेंगे। चूंकि बाजार मांग और आपूर्ति के सिद्धांत पर चलता है, तो ऐसे में ज्यादा पैसा आने से बाजार में टीवी, फ्रिज, एसी, वॉशिंग मशीन जैसे कंज्यूमर गुड्स की मांग बढ़ेगी, तो कीमतों में भी ईजाफा होगा। रिजर्व बैंक की मानें तो सातवें वेतनमान को लागू करने से अगले दो साल के दौरान महंगाई में एक से डेढ़ प्रतिशत तक इजाफा होगा।

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आरबीआई का मानना था कि सातवें वेतन आयोग के लागू करने का बोझ उतना अधिक नहीं होगा जितना कि छठे वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने से हुआ था। सातवां वेतन आयोग इस वर्ष एक जनवरी से लागू किया जाना है। सरकार ने इससे पड़ने वाले बोझ के लिए अतिरिक्त धन की व्यवस्था की है। वेतन आयोग को लागू करने से 1.02 लाख करोड़ रुपए का बोझ पड़ेगा।

जितनी आमदनी, उतना खर्चा

सातवें वेतन आयोग के बाद महंगाई का बढ़ना स्वाभाविक है, क्योंकि अर्थशास्त्र में एक सामान्य फार्मूला है, आदमी की आवश्यकताएं अनंत होती हैं और साधन सीमित होते हैं। ज्यों-ज्यों आमदनी बढ़ती है तो खर्चे भी बढ़ जाते हैं और लिविंग स्टैंडर्ड में भी सुधार होता है। यहां से शुरू होता है प्रतिस्पर्धा का दौर, जो आमजन और निजी अथवा असंगठित क्षेत्र में काम कर रहे लोगों को प्रभावित करता है।

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बढ़ जाएगी महंगाई

करोड़ों रुपये की नकदी बाज़ार में पहुंचेगी जिससे नकद पैसे का चलन बढ़ जायेगा। इससे बाजार को बूस्ट मिलेगा। वैसे भी बाजार में जब पैसे की आवाजाही बड़ी मात्रा में होती है तो मांग बढती है। मांग बढ़ने पर आपूर्ति में कमी आने लगती है और ऐसे में बाजार में पहले से ही मौजूद वस्तुओं के दाम में तेजी से वृद्धि होती है।

मांग बढ़ने की उम्मीद में खिला उद्योग जगत

7वें वेतन आयोग की रिपोर्ट लागू होने और वेतन में अच्छी खासी बढ़ोतरी से केंद्र सरकार के कर्मचारियों को तो फायदा होगा ही लेकिन उद्योग जगत भी इससे अछूता नहीं रहेगा। वजह यह है कि जब देश के लाखों लोगों के जेब में अतिरिक्त पैसा आएगा तो वह कई जगहों पर उसे खर्च करेंगे। इससे घरेलू मांग बढ़ेगी। कई उद्योगों की घरेलू मांग में बढ़ोतरी से देश की अर्थव्यवस्था पर सीधा असर पड़ने की संभावना भी जताई जा रही है।

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