करोड़ों के घाटे से उबरने में जुटी बिजली कंपनियां
प्रदेश के बिजली संयंत्रों को करोड़ों के घाटे से उबारने के लिए एमपी पावर मैनेजमेंट कंपनी ने चालू वित्तीय वर्ष की बकाया वसूली तेज कर दी है। वहीं अगले वित्तीय वर्ष के लिए मैनेजमेंट कंपनी ने नई टैरिफ पिटिशन तैयार करने की कार्रवाई शुर कर दी है।
भोपाल। प्रदेश के बिजली संयंत्रों को करोड़ों के घाटे से उबारने के लिए एमपी पावर मैनेजमेंट कंपनी ने चालू वित्तीय वर्ष की बकाया वसूली तेज कर दी है। वहीं अगले वित्तीय वर्ष के लिए मैनेजमेंट कंपनी ने नई टैरिफ पिटिशन तैयार करने की कार्रवाई शुर कर दी है। दिसंबर अंत तक विद्युत नियामक आयोग में टैरिफ पिटिशन जमा होने के बाद इस पर दावा आपत्ति मंगाए जाएंगे।
सुनवाई के बाद 1 अप्रैल 2015 से नई बिजली दरों की घोषषणा की जाएगी। पावर मैनेजमेंट कंपनी दिसंबर माह में चालू वित्तीय वषर्ष की आखिरी तिमाही के लिए फ्यूल कॉस्ट एडजस्टमेंट का प्रस्ताव भी बनाया जा रहा है जिसे नियामक आयोग के समक्ष दिसंबर में पेश किया जाएगा। इस प्रस्ताव में बिजली कंपनियों के आय व्यय के बीच पैदा हुआ अंतर सार्वजनिक किया जाएगा।
बिजली बिलों की 4 हजार करोड़ रुपए की राशि वसूली के लिए अभियान की साप्ताहिक समीक्षा प्रमुख सचिव ऊर्जा द्वारा की जा रही है। किस कंपनी का कितना बकाया अब तक की रिपोर्ट में उधारी की बिजली बांटने में मध्य क्षेत्र कंपनी अव्वल स्थान पर है जिस पर बिजली बिलों के 2378 करोड़ रुपए बकाया हैं।
मध्य क्षेत्र वितरण कंपनी का सबसे बड़ा बकायादार ग्वालियर जिला है, जहां 1471 करोड़ रुपए की राशि बकाया है। दूसरे स्थान पर पूर्व क्षेत्र वितरण कंपनी है जहां 1322 करोड़ रुपए के बिजली बिल वसूले जाने हैं। पूर्व क्षेत्र कंपनी का सबसे ब़़डा बकायादार जबलपुर शहर है जहां 200 करोड़ रुपए की बिल वसूली होनी है। तीसरे स्थान पर पश्चिम क्षेत्र बिजली वितरण कंपनी है। यहां बिजली बिलों का बकाया 342 करोड़ रुपए वसूले जाने हैं। पश्चिम क्षेत्र में करीब 8 लाख बिजली उपभोक्ताआ ब़़डे बकाएदारों के रूप में चिन्हित किए गए हैं।