Move to Jagran APP

मराठियों को आरक्षण मामले पर याचिका नामंजूर

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को महाराष्ट्र में मराठियों को 16 फीसद आरक्षण के फैसले पर रोक लगाने वाले बांबे हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ याचिका अस्वीकार कर दी। महाराष्ट्र सरकार ने मराठियों को नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में यह आरक्षण देने का फैसला किया था। बांबे हाई कोर्ट ने

By manoj yadavEdited By: Published: Thu, 18 Dec 2014 07:13 PM (IST)Updated: Thu, 18 Dec 2014 07:16 PM (IST)
मराठियों को आरक्षण मामले पर याचिका नामंजूर

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को महाराष्ट्र में मराठियों को 16 फीसद आरक्षण के फैसले पर रोक लगाने वाले बांबे हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ याचिका अस्वीकार कर दी। महाराष्ट्र सरकार ने मराठियों को नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में यह आरक्षण देने का फैसला किया था। बांबे हाई कोर्ट ने अंतरिम आदेश देते हुए इस फैसले पर रोक लगाई थी।

loksabha election banner

इस रोक के खिलाफ महाराष्ट्र सरकार और अन्य पक्षों की याचिका नामंजूर करते हुए सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एचएल दत्तू की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि अभी सिर्फ अंतरिम आदेश दिया गया है। बांबे हाई कोर्ट को फैसला लेने दीजिए। कांग्रेस-राकांपा के गठबंधन वाली पूर्ववर्ती महाराष्ट्र सरकार ने विधानसभा चुनाव से पहले मराठियों को आरक्षण देने का यह फैसला लिया था।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम हाई कोर्ट से अपील करते हैं कि इस मामले में यथासंभव शीघ्रता से फैसला करें। जब कोर्ट को यह बताया गया कि हाई कोर्ट की एकल पीठ ने अंतरिम आदेश में इस मसले पर अपना मत जता दिया है, तब सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने कहा कि संबंधित न्यायाधीश अभी इस मसले पर सुनवाई करेंगे और हाई कोर्ट के अन्य न्यायाधीश भी इस याचिका पर सुनवाई करेंगे।

इससे पहले हाई कोर्ट ने सरकारी नौकरियों में मुस्लिमों को पांच फीसद आरक्षण देने के फैसले पर भी रोक लगाई थी। हालांकि शिक्षण संस्थानों में इस आरक्षण की इजाजत दी गई है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.