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'आप' के तीन विधायक गए गोवा, गरमाई दिल्ली की सियासत

दिल्ली में भाजपा की अगुआई में सरकार बनाने की कोशिशों के बीच आम आदमी पार्टी [आप] के तीन विधायकों के गोवा जाने से सूबे में सियासी पारा अचानक चढ़ गया। ये तीन विधायक रविवार दोपहर गोवा रवाना हुए थे। नई सरकार के गठन के लिए भाजपा को तीन ही विधायकों की दरकार है, लिहाजा इन विधायकों के एक साथ दिल्ली से बाहर जाने पर राजनीतिक हलकों में चर्चाएं गर्म हो गई। हालांकि तीनों विधायक देर शाम दिल्ली लौट आए। वापसी के बाद तीनों ने न सिर्फ पार्टी प्रमुख अर¨वद केजरीवाल से मुलाकात की बल्कि पार्टी के प्रति पूरी निष्ठा भी जताई।

By Edited By: Published: Mon, 22 Sep 2014 08:15 AM (IST)Updated: Mon, 22 Sep 2014 08:36 AM (IST)
'आप' के तीन विधायक गए गोवा, गरमाई दिल्ली की सियासत

नई दिल्ली [राज्य ब्यूरो]। दिल्ली में भाजपा की अगुआई में सरकार बनाने की कोशिशों के बीच आम आदमी पार्टी [आप] के तीन विधायकों के गोवा जाने से सूबे में सियासी पारा अचानक चढ़ गया। ये तीन विधायक रविवार दोपहर गोवा रवाना हुए थे। नई सरकार के गठन के लिए भाजपा को तीन ही विधायकों की दरकार है, लिहाजा इन विधायकों के एक साथ दिल्ली से बाहर जाने पर राजनीतिक हलकों में चर्चाएं गर्म हो गई। हालांकि तीनों विधायक देर शाम दिल्ली लौट आए। वापसी के बाद तीनों ने न सिर्फ पार्टी प्रमुख अर¨वद केजरीवाल से मुलाकात की बल्कि पार्टी के प्रति पूरी निष्ठा भी जताई।

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सीमापुरी से आप विधायक धर्मेद्र कोली, देवली के प्रकाश तथा अंबेडकर नगर के विधायक अशोक चौहान रविवार को गोवा रवाना हुए। प्रकाश के कार्यालय ने उनकी यात्रा की पुष्टि करते हुए कहा कि वह बुधवार तक दिल्ली लौटेंगे। पार्टी के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया ने भी स्वीकार किया कि कुछ विधायक घूमने-फिरने दिल्ली से बाहर गए हैं। हालांकि, उन्होंने इस बात पर एतराज जताया कि उनकी यात्रा को नई सरकार के गठन से जोड़कर देखा जा रहा है।

सिसोदिया के एतराज के बावजूद सियासी गलियारों में यह कयास लगाए जाने लगे कि भाजपा के हाथ शायद सत्ता की चाबी लग गई है। इस हंगामे के बीच पार्टी के तीनों विधायक देर शाम दिल्ली लौट आए। यह पूरा घटनाक्रम इस लिए हंगामे का सबब बना क्योंकि यह माना जा रहा है कि भाजपा नवरात्र शुरू होने के बाद सरकार बनाने की पहल कर सकती है।

भाजपा को चाहिए तीन का ही समर्थन

दिल्ली विधानसभा में सदस्यों की कुल संख्या 70 है। भाजपा के तीन विधायकों के सांसद चुने जाने के बाद विधानसभा सदस्यों की संख्या 67 रह गई है। भाजपा 34 विधायकों का समर्थन जुटा ले तो आसानी से बहुमत साबित कर सकती है। अकाली दल के साथ मिलकर अभी उसके 29 विधायक हैं। उसे निर्दलीय रामवीर शौकीन व असंबद्ध सदस्य विनोद कुमार बिन्नी का समर्थन हासिल है। यानी संख्या 31 तक पहुंच चुकी है। तीन विधायकों के उसके पाले में आ जाने से सरकार बनाने का रास्ता आसान हो सकता है।

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