जमकर बरसे मेघ, राहत के साथ आफत भी
सावन के तीसरे सोमवार को मेघ गरज-चमक के साथ खूब बरसे। दिल्ली-एनसीआर, पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और राजस्थान में शाम के वक्त हुई जोरदार बारिश ने मौसम सुहावना कर दिया। तापमान में गिरावट आई और भीषण उमस से राहत मिली। उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश जैसे पहाड़ी राज्यों में तेज बरसात से जनजीवन बेहाल भी हुआ।
नई दिल्ली। सावन के तीसरे सोमवार को मेघ गरज-चमक के साथ खूब बरसे। दिल्ली-एनसीआर, पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और राजस्थान में शाम के वक्त हुई जोरदार बारिश ने मौसम सुहावना कर दिया। तापमान में गिरावट आई और भीषण उमस से राहत मिली। उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश जैसे पहाड़ी राज्यों में तेज बरसात से जनजीवन बेहाल भी हुआ। गंगोत्री हाईवे दूसरे दिन भी नहीं खोल जा सका, जबकि पिथौरागढ़ में कैलास मानसरोवर मार्ग पिछले 13 दिन से बंद पड़ा है। उत्तरकाशी के पुरोला में पेड़ गिरने से स्कूल भवन के दो कमरे ध्वस्त हो गए। कुमाऊं में बारिश से पहाड़ी दरकने से टनकपुर-तवाघाट हाईवे बंद हो गया है, जबकि अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ हाईवे भी दस घंटे तक बाधित रहा। जम्मू-कश्मीर में मौसम सामान्य रहा।
दिल्ली-एनसीआर में पिछले कई दिनों से लोग उमस से बेहाल थे। बादल आसमान में आते तो थे पर बगैर बरसे चले जाते थे। करीब एक घंटे तक हुई तेज बारिश से पारा 33 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया। पंजाब और हरियाणा में भी मौसम खुशगवार हो गया। यहां अधिकतम तापमान 32 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। राजस्थान के लगभग सभी जिलों में जोरदार बारिश हुई। उत्तराखंड में लगातार हो रही बारिश ने चार धाम यात्रा को खासा बाधित किया है। पहाड़ी जिलों में अनेक संपर्क मार्ग बंद पड़े हैं। उत्तरकाशी में रविवार की रात से शुरू हुई मूसलाधार बारिश से गंगोत्री हाईवे नालूपाणी, रतूड़ीसेरा, बड़ेथी में सुबह चार घंटे बंद रहा तो वहीं नेताला व लालढांग में भूस्खलन हाईवे दस घंटे से भी ज्यादा समय तक बंद रहा। भटवाड़ी से आगे हेलगू, गंगनानी, में बंद हाईवे दूसरे दिन भी नहीं खोला जा सका। यमुनोत्री हाईवे भी रानाचट्टी और स्यानाचट्टी के बीच शनिवार को पांच घंटे बंद रहा। चमोली में लामबगड़ सहित अन्य जगहों पर भूस्खलन से हाईवे बाधित हुआ। दूसरी ओर बदरीनाथ यात्रा पर जहां 210 यात्री पहुंचे हैं, वहीं हेमकुंड साहिब यात्रा पर गोविंदघाट से 70 यात्री रवाना हुए हैं।
हिमाचल प्रदेश के अधिकांश क्षेत्रों में नदी-नाले उफान पर रहे जबकि कई संपर्क मार्ग व राष्ट्रीय राजमार्ग भूस्खलन के कारण बाधित हुए। ढली-संजौली बाईपास पर भूस्खलन से मलवा सड़क पर आ गया। अलग-अलग जगहों पर सात पेड़ गिर गए। शिमला-रामपुर बुशहर राष्ट्रीय राजमार्ग पेड़ गिरने से दो घंटे बाधित रहा। रामपुर के खोपड़ी नाला के पास भूस्खलन से राष्ट्रीय राजमार्ग तीन घंटे तक बाधित रहा। झाकड़ी के ब्रोनी नाला में दिनभर भूस्खलन जारी रहा। कुल्लू के राहलीनाला के पास राष्ट्रीय राजमार्ग मलबा आने से काफी देर बंद रहा। बंजार में तीर्थन नदी का जलस्तर बढ़ने के कारण दर्जन भर घरों को खतरा पैदा हो गया है। बागी पुल में बादल फटने से सरकारी व गैर सरकारी संपत्ति को करोड़ों रुपये का नुकसान पहुंचा। घटना से लगभग 300 पेड़ बह गए जबकि बीएसएनएल की केबल भी नष्ट हो गई। लोक निर्माण विभाग की बागीपुल बीम संपर्क सड़क को भी क्षति पहुंची। जम्मू में बारिश तो नहीं हुई पर मौसम सुहावना रहा। वहीं कश्मीर में अपेक्षाकृति मौसम गर्म रहा।