अंगदान को प्रोत्साहन देने के लिए जागरूकता की जरूरत: टीना अंबानी
अंगदान को प्रोत्साहन देने, लोगों में इसकी जागरूकता निर्माण करने और इसके लिए स्थायी तंत्र स्थापित करने के लिए सरकार, स्वास्थ्य संस्थानों और गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) को मिलकर काम करने की आवश्यकता है।
पुणे, मुंबई। अंगदान को प्रोत्साहन देने, लोगों में इसकी जागरूकता निर्माण करने और इसके लिए स्थायी तंत्र स्थापित करने के लिए सरकार, स्वास्थ्य संस्थानों और गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) को मिलकर काम करने की आवश्यकता है। इस प्रकार की राय कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल की अध्यक्ष (चेयरपर्सन) टीना अंबानी ने व्यक्त की है।
कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल में लीवर प्रत्यारोपण के 100 मामले पूरे होने के मौके पर एक विशेष समारोह का आयोजन किया गया था।
समारोह को संबोधित करते हुए टीना अंबानी ने अंगदान के महत्व को बताते हुए अपील की कि प्रत्येक व्यक्ति का जन्म किसी न किसी के जीवन में परिवर्तन लाने के लिए हुआ है। जिसे व्यर्थ नहीं जाने दिया जाना चाहिए।
हेप्टोबिलियरी सर्जरी एंड लीवर ट्रांसप्लांट विभाग के सलाहकार व प्रमुख डॉ. विनय कुमारन ने बताया कि मार्च2013 में अस्पताल में सेंटर ऑफ एक्जीलेंस के रूप में सेंटर फोर लीवर ट्रांसप्लांट की स्थापना की गई थी। इसकी स्थापना के सिर्फ दो साल के भीतर ही अस्पताल में100 लीवरों का प्रत्यारोपण किया गया है। जिसमें 15 मामलों में मृत व्यक्तियों के लीवर ट्रांसप्लांट किये गये।
प्रत्येक वर्ष 25 हजार से ज्यादा लोगों को लीवर प्रत्यारोपण कराने की जरूरत
डॉ. विनय ने बताया कि हमारे देश में हर साल करीब ढ़ाई लाख लोगों की मौत सिरोसिस के कारण होती है। जबकि भारत में प्रतिवर्ष 25 हजार से अधिक लोगों को लीवर प्रत्यारोपण करवाने की आवश्यता होती है।
उन्होंने बताया कि देश में जीवनरक्षक अंगों की आपूर्ति बहुत ही कम है। खास कर मस्तिष्क मृत दाताओं की के कारण यह समस्या बहुत ही गंभीर बन गई है।
यही वजह है कि महस 1,100 लोग ही लीवर प्रत्यारोपण करवा पाते हैं। पश्चिम भारत में जिसमें से सिर्फ 5प्रतिशत ही होते हैं। इसमें भी लीवर प्रत्यारोपण के लिए बुनियादी ढांचे की कमी होने के चलते बाहर से आये सर्जनों द्वारा किये जाते हैं।