सुवेंदु अधिकारी के करीबी को फिर पुलिस ने किया गिरफ्तार, जमानत देने के फैसले के खिलाफ खंडपीठ गई सरकार

हाईकोर्ट ने राखाल की गिरफ्तारी को लेकर पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाया है। इसके साथ पुलिस को भविष्य में राखाल बेरा के खिलाफ कोई कार्रवाई करने के लिए अदालत की अनुमति लेनी होगी। न्यायमूर्ति तपब्रत चक्रवर्ती और न्यायमूर्ति शुभाशीष दासगुप्ता की खंडपीठ मामले की सुनवाई करेगी।

By Priti JhaEdited By: Publish:Wed, 04 Aug 2021 09:56 AM (IST) Updated:Wed, 04 Aug 2021 09:56 AM (IST)
सुवेंदु अधिकारी के करीबी को फिर पुलिस ने किया गिरफ्तार, जमानत देने के फैसले के खिलाफ खंडपीठ गई सरकार
सुवेंदु अधिकारी के करीबी को फिर पुलिस ने किया गिरफ्तार

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। कलकत्ता हाई कोर्ट की एकल पीठ की ओर से सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने के आरोप में गिरफ्तार किए गए बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी के करीबी राखाल बेरा को पुलिस ने फिर गिरफ्तार कर लिया। वहीं दूसरी ओर हाईकोर्ट की ओर से गत दिनों जमानत दिए जाने के फैसले के खिलाफ राज्य सरकार ने खंडपीठ का रुख किया है।

बताते चलें कि हाईकोर्ट ने राखाल की गिरफ्तारी को लेकर पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाया है। इसके साथ पुलिस को भविष्य में राखाल बेरा के खिलाफ कोई कार्रवाई करने के लिए अदालत की अनुमति लेनी होगी। न्यायमूर्ति तपब्रत चक्रवर्ती और न्यायमूर्ति शुभाशीष दासगुप्ता की खंडपीठ मामले की सुनवाई करेगी। बताते चलें कि राखाल बेरा को राज्य के सिंचाई और जलमार्ग विभाग में नौकरी दिलाने का झांसा देकर लोगों को ठगने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।

सोमवार को न्यायाधीश राजशेखर ने मंथा ने कहा कि पुलिस को भविष्य में राखाल बेरा के खिलाफ कोई कार्रवाई करने के लिए अदालत की अनुमति लेनी होगी। कोर्ट की अनुमति के बिना पुलिस राखाल बेरा के खिलाफ एफआइआर नहीं कर सकेगी। वहीं दूसरी ओर राखाल बेरा के वकील ने अदालत में दावा किया कि उनके मुवक्किल को झूठे मामले में फंसाया गया है। कुछ दिन पहले राखाल बेरा ने पूर्व मेदिनीपुर की कांथी अदालत में चिल्लाकर इच्छा मृत्यु की मांग की थी।

गौरतलब है कि कोलकाता के मानिकतल्ला पुलिस स्टेशन में सुजीत दे नाम के व्यक्ति की शिकायत के आधार पर राखाल बेरा को उनके आवास के बाहर से गिरफ्तार किया गया था। सुजीत दे ने अपनी शिकायत में कहा था कि राखाल बेरा ने जुलाई 2019 से सितंबर 2019 के बीच कोलकाता के मानिकतल्ला रोड पर साहा इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूक्लियर फिजिक्स कोऑपरेटिव हाउसिंग सोसाइटी के एक फ्लैट के अंदर एक शिविर का आयोजन किया था। शिकायत में कहा गया है कि आरोपितों ने पश्चिम बंगाल सिंचाई और जलमार्ग विभाग के ग्रुप डी (फील्ड स्टाफ) में नौकरी देने का झांसा देकर जनता से काफी धन इकट्ठा किया। शिकायतकर्ता ने यह भी आरोप लगाया था कि आरोपित ने उससे दो लाख रुपये लिए, लेकिन सरकारी नौकरी नहीं दी गई। 

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