दुर्घटना से देरी भली...दून में छह माह में 130 सड़क हादसे, 55 व्यक्तियों ने गंवाई जान
दुर्घटना से देर भली। सड़क सुरक्षा के लिए इस तरह के तमाम स्लोगन सड़कों के इर्द-गिर्द लिखे दिख जाएंगे। यह बात और है कि रफ्तार के जुनून और मंजिल तक पहुंचने की हड़बड़ी में जिंदगी पीछे छूट जाती है।
जागरण संवाददाता, देहरादून। दुर्घटना से देर भली। सड़क सुरक्षा के लिए इस तरह के तमाम स्लोगन सड़कों के इर्द-गिर्द लिखे दिख जाएंगे। यह बात और है कि रफ्तार के जुनून और मंजिल तक पहुंचने की हड़बड़ी में जिंदगी पीछे छूट जाती है। परिवहन विभाग के हालिया आंकड़ों पर गौर करें तो जनवरी 2021 से जून माह तक 130 सड़क दुर्घटनाएं प्रकाश में आई हैं। हादसों में 55 व्यक्तियों की जान चली गई, जबकि 96 घायल हो गए। जिला सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में यह जानकारी एआरटीओ अरविंद पांडे ने दी।
मंगलवार को हुई बैठक में आरटीओ पांडे ने जिलाधिकारी डा. आर राजेश कुमार को बताया कि सर्वाधिक दुर्घटनाएं ऋषिकेश, नेहरू कॉलोनी, डोईवाला, पटेलनगर, रायवाला व डालनवाला क्षेत्र में हुई हैं। हादसों का प्रमुख कारण ओवर स्पीड व गलत दिशा में वाहन चलाना रहा है। उन्होंने बताया कि हादसों पर अंकुश लगाने के लिए नियमित चेकिंग की जा रही है और ब्लैक स्पाट चिह्नित कर उनमें सुधार किया जा रहा है।
अब तक 26 ब्लैक स्पाट दुरुस्त कर दिए गए हैं और शेष 23 स्पाट को दुरुस्त करने की दिशा में लोनिवि, राजमार्ग खंड व एनएचएआइ के अधिकारी काम कर रहे हैं। जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि ओवर स्पीड पर अंकुश लगाने के लिए परिवहन व पुलिस विभाग के अधिकारी नियमित चेकिंग करते रहें। सड़क सुरक्षा की दिशा में ब्लैक स्पाट ठीक करने, स्पीड ब्रेकर, पैराफिट, रिफलेक्टर, चेतावनी बोर्ड आदि की दिशा में नए प्रयोग किए जाएं।
प्रयोगों की समीक्षा कर देखा जाए कि दुर्घटनाओं पर कितना अंकुश लग रहा है। इसके अलावा उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि हादसों के बाद मौके पर जाकर तकनीकी कारण भी तलाश किए जाएं। ताकि सड़क सुरक्षा की दिशा में ठोस कार्य किए जा सकें। बैठक में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डा. योगेंद्र रावत, अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) बीर सिंह बुदियाल, पुलिस अधीक्षक यातायात स्वप्न किशोर समेत विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।
खनन सामग्री ढोने वाले वाहनों की निगरानी जरूरी
जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि जिन रूट पर खनन ढोने वाले वाहन आवागमन करते हैं, वहां विशेष निगरानी की जाए। देखा जाए कि वह ओवरलोडिंग व ओवर स्पीड में तो नहीं चल रहे। ऐसे वाहनों के खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाए। इसके अलावा नशे में वाहन चलाने वालों के खिलाफ भी निरंतर अभियान चलाया जाए।
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