एम्स ऋषिकेश में बाईपलेन कार्डिक कैथ लैब शुरू, हार्ट के रोगियों को मिलेगा लाभ

एम्स ऋषिकेश के कार्डियोलाजी विभाग में बुद्धवार से अत्याधुनिक तकनीक वाली बाईपलेन कार्डिक कैथ लैब ने कार्य करना शुरू कर दिया है। नई लैब के स्थापित होने से हार्ट रोगियों को इलाज के लिए अब लम्बा इंतजार नहीं करना पड़ेगा।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Wed, 04 Aug 2021 04:56 PM (IST) Updated:Wed, 04 Aug 2021 04:56 PM (IST)
एम्स ऋषिकेश में बाईपलेन कार्डिक कैथ लैब शुरू, हार्ट के रोगियों को मिलेगा लाभ
एम्स ऋषिकेश में बाईपलेन कार्डिक कैथ लैब शुरू, हार्ट के रोगियों को मिलेगा लाभ।

जागरण संवाददाता, ऋषिकेश। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश में अत्याधुनिक तकनीक पर आधारित बाईपलेन कार्डिक कैथ लैब ने कार्य करना शुरू कर दिया है। यह नई कैथ लैब, हृदय व दिमाग संबंधी बीमारियों के मरीजों तथा खस तौर पर हृदय रोग से ग्रसित बच्चों के उपचार में सहायक सिद्ध होगी।

बुधवार को अर्श विद्यापीठ के संस्थापक स्वामी परमात्मानंद सरस्वती महाराज ने नवनिर्मित ’बाईपलेन कार्डिक कैथ लेब’ का विधिवत लोकार्पण किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि एम्स संस्थान में नई लैब के स्थापित होने से हृदय रोगियों को विशेष लाभ मिलेगा। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड जैसे पहाड़ी राज्य में स्थित एम्स संस्थान बेहतर कार्य कर रहा है, लिहाजा कुशल कार्यप्रणाली के चलते संस्थान ने कम समय में ही स्वास्थ्य सुविधाओं के कई आयाम स्थापित किए हैं। एम्स निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत ने बताया कि एम्स में नई कैथ लैब स्थापित होने से हार्ट और दिमाग संबंधी बीमारियों के मरीजों का उपचार अब आधुनिकतम उच्च तकनीक से हो सकेगा। निदेशक एम्स पद्मश्री प्रो. रवि कांत ने नई लैब को हृदय रोग से ग्रसित बच्चों के लिए विशेष लाभकारी बताया। कहा कि कार्डियोलाजी विभाग में अब दो कैथ लैब हो गई हैं। संस्थान में सुविधाओं के बढ़ जाने से हृदयरोगियों को इलाज के लिए लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा।

इस अवसर पर कार्डियोलाजी विभागाध्यक्ष प्रोफेसर भानु दुग्गल ने बताया कि अब नई कैथ स्थापित होने से हार्ट रोगियों के उपचार की क्षमता दोगुनी हो गई है। बताया कि सीमेंस कंपनी की बाईपलेन कार्डिक कैथ लेब की मदद से थ्री-डी तकनीक से इलाज करने की सुविधा है। लिहाजा इस तकनीक से रोगी की उपचार प्रक्रिया में आसानी होगी और इलाज के सटीक परिणाम प्राप्त होंगे। उन्होंने बताया कि कार्डियोलाजी विभाग में मरीजों के इलाज के लिए सभी अत्याधुनिक उपकरण लगाए गए हैं। इस मौके पर कार्डियालोजी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डा. वरुण कुमार भी उपस्थित थे। कार्यक्रम में डीन एकेडमिक प्रो. मनोज गुप्ता, मेडिकल सुपरिटेंडेंट प्रो. बीके बस्तिया, डीएचए प्रो. यूबी मिश्रा, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी शशिकांत, वित्तीय सलाहकार पीके मिश्रा, अधीक्षण अभियंता बीएस रावत, डीएमएस डा. अनुभा अग्रवाल, विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डा. वरुण कुमार, डा. रामलाल, डा. शिशिर सोनी, डा. नवनीत मग्गो, डा. विनोद आदि मौजूद थे।

यह है नई लैब की विशेषता

बाईपलेन कार्डिक कैथ लेब की मदद से कम कन्ट्रास्ट में हृदयरोगी की एंजियोग्राफी व एंजियोप्लास्टी की जा सकती है, लिहाजा यह लैब गुर्दे के मरीजों के उपचार के लिए भी विशेष लाभकारी है। प्रो. भानु दुग्गल ने बताया कि हृदय में वाल्व बदलने की सर्जरी प्रक्रिया के दौरान उपयोग की जाने वाली ’टावी’ तकनीक और जिन लोगों के हृदय में जन्मजात छेद होता है, उनके इलाज में इस मशीन से 3-डी तकनीक का इस्तेमाल करने से अब उच्चस्तरीय उपचार संभव हो सकेगा।

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