वाराणसी में मां शीतला का पैर पखार घटने लगा गंगा का जलस्तर, घटाव की गति हुई कम
गंगा के जलस्तर में घटाव होने लगा है। हालांकि घटाव की गति धीमी जरूर है। जहां एक दिन पहले बढ़ाव गति 24 घंटे में दो मीटर था वहीं मंगलवार को यह गति घटकर एक मीटर हो गई थी। सुबह आठ बजे गंगा का जल स्तर 67.54 मीटर मापा गया था।
जागरण संवाददाता, वाराणसी। गंगा के जल स्तर में घटाव होने लगा है। हालांकि, घटाव की गति बहुत धीमी जरूर है। जहां एक दिन पहले बढ़ाव गति 24 घंटे में दो मीटर था वहीं, मंगलवार को यह गति घटकर एक मीटर हो गई थी। सुबह आठ बजे गंगा का जल स्तर 67.54 मीटर मापा गया था। अब घटाव जारी है। केंद्रीय जल आयोग के अनुसार बुधवार की सुबह जल स्तर 67.48 मीटर हो गया है। सुबह दस बजे तक कुल छह सेंटीमीटर पानी घटा है।
वहीं, एक दिन पूर्व दशाश्वमेध घाट पर गंगा का आरती स्थल बदलकर गंगा सेवा निधि के कार्यालय की छत पर कर दिया गया है। काशी की मान्यता के अनुसार मां शीतला का पैर पखारने के लिए गंगा मंदिर में प्रवेश कर किया। गंगा की सहायक नदी वरुणा का पेटा भी पानी से लबालब हो गया है। पलट प्रवाह से गंगा का पानी वरुणा नदी के माध्यम से बस्तियों की ओर बढ़ चला है। वरुणा नदी के किनारे पुलकोहना व आसपास इलाके में नाला के रास्ते पानी बस्ती में घुस गया है। इसे देखकर निचले इलाके से लोगों ने पलायन शुरू कर दिया है। सुरक्षित स्थानों पर ठौर ले ली है। दूसरी ओर ढाब क्षेत्र के सोता में गंगा का जल स्तर इतना बढ़ गया है कि रामचंदीपुर, मोकलपुर, गोबराहा, कुड़वा, रामपुर, नखावा गांव पानी से घिर गए हैं।
84 घाटों की टूट गया संपर्क
गंगा किनारे सभी 84 घाटों का एक दूसरे से संपर्क तो दो दिन पहले से ही टूट गया है। अब दाह संस्कार भी छतों व सीढिय़ों पर होने लगा है। मणिकॢणका घाट पूरी तरह से डूब गया है। वहां अब छतों पर दाह संस्कार होने लगा है। हरिश्चंद्र घाट की भी सभी सीढिय़ां सोमवार को डूब गईं थीं। दाह संस्कार अब सबसे ऊपरी वाली सीढ़ी पर होने लगा।
वाराणसी में गंगा का जल स्तर
-चेतावनी बिंदु 70.262 मीटर
-खतरा का निशान 71.262 मीटर
-बाढ़ का उच्चतम बिंदु 73.901 मीटर
वाराणसी में दिनों से बढ़ा पानी
-04 अगस्त : 67.48 मीटर
-03 अगस्त : 67.54 मीटर
-02 अगस्त : 66.52 मीटर
-01 अगस्त : 64.36 मीटर
-31 जुलाई : 63.40 मीटर
-30 जुलाई : 62.52 मीटर
-29 जुलाई : 60.48 मीटर
-28 जुलाई : 59.69 मीटर
-27 जुलाई : 59.41 मीटर