स्टेशन पर सुविधाओं के विस्तार में सरकारी धन का बंदरबाट
रायबरेली रेलवे की ओर से रायबरेली रेलवे स्टेशन में सुविधाओं के विस्तार पर करोड़ों रु
रायबरेली : रेलवे की ओर से रायबरेली रेलवे स्टेशन में सुविधाओं के विस्तार पर करोड़ों रुपये पानी की तरह बहाए जा रहे हैं, ताकि यात्रियों को और अधिक सहूलियत मिल सके। यहां चल रहे इन कार्यों की मॉनीटरिग में अफसर ढिलाई बरत रहे हैं, जिसका फायदा उठाकर सरकारी धन का बंदरबाट किया जा रहा है।
रायबरेली रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर दो और तीन को तोड़ा जाना है। उसकी जगह पर बगल में ही एक नया प्लेटफार्म बन रहा है। इस प्लेटफार्म के निर्माण में जमकर मनमानी हो रही है। कार्यदायी संस्था ने इसके दीवार की पूरी नींव पीली ईंटों से भर दी, लेकिन इसे देखने वाला कोई नहीं था। इस तरह भरी गई नींव पर प्लेटफार्म कब तक मजबूती से टिका रहेगा, यह तो वक्त बताएगा। यही नहीं सूत्रों का कहना है कि कार्यदायी संस्था के मजदूरों ने अपने अस्थाई झोपड़ियों में जो बिजली के कनेक्शन जोड़ा है, उसकी भी कोई अनुमति नहीं। इस तरह बिजली चोरी करके भी महकमे को चूना लगाया जा रहा है। इनसेट
वाशेबल एप्रेन का लोग देख चुके हैं हाल रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर एक की लाइन के वाशेबल एप्रेन का हाल पहले ही लोग देख चुके हैं। निर्माण के कुछ महीने के अंदर ही इसकी पाइप लाइन जगह-जगह ध्वस्त हो गई थी। इसके बाद भी जिम्मेदारों ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की, बल्कि मरम्मत कराकर मामले को रफा-दफा कर दिया गया। स्टेशन की काया पलटने का काम हुआ सुस्त
रिमाडलिग के तहत स्टेशन के सौंदर्यीकरण का काम भी चल रहा है। करीब दो साल पहले इसकी शुरूआत हुई थी, जो अब तक पूरा नहीं हो सका। आधा-अधूरा काम छोड़ दिया गया। इसे लेकर यात्रियों ही नहीं बल्कि रेल कर्मियों में भी आक्रोश व्याप्त है। इस संबंध में सहायक मंडल अभियंता प्रवीण सिंह से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मीडिया को बयान देने के अधिकार नहीं हैं।