Dowry Murder Case : कोर्ट में गवाही के ल‍िए नहीं पहुंचे वाराणसी के सीओ, गैर जमानती वारंट जारी, वेतन रोकने के आदेश

बिलारी कोतवाली क्षेत्र निवासी हरिराम सिंह ने अपनी बेटी नीरज का विवाह छत्रपाल के साथ किया था। दहेज की मांग पूरी न होने पर पति समेत अन्य ससुरालियों के खिलाफ बिलारी कोतवाली में नीरज की हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया था।

By Narendra KumarEdited By: Publish:Wed, 04 Aug 2021 10:10 AM (IST) Updated:Wed, 04 Aug 2021 10:10 AM (IST)
Dowry Murder Case : कोर्ट में गवाही के ल‍िए नहीं पहुंचे वाराणसी के सीओ, गैर जमानती वारंट जारी, वेतन रोकने के आदेश
मौजूदा समय में विवेचक वाराणसी जनपद में सीओ के पद पर तैनात हैं।

मुरादाबाद, जागरण संवाददाता। दहेज हत्या के मामले में वारंट जारी होने के बाद विवेचक लगातार तारीखों में गैरहाजिर रहे। गवाही देने के लिए बार-बार नोटिस भेजे गए, इसके बाद भी वह नहीं आए। जिसके बाद मंगलवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सख्ती दिखाते हुए उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर दिया। इसके साथ ही कोर्ट ने अग्रिम आदेश तक वेतन रोकने के भी आदेश दिए। मौजूदा समय में विवेचक वाराणसी जनपद में सीओ के पद पर तैनात हैं।

11 नवंबर 2016 को बिलारी कोतवाली क्षेत्र निवासी हरिराम सिंह ने अपनी बेटी नीरज का विवाह छत्रपाल के साथ किया था। दहेज की मांग पूरी न होने पर पति समेत अन्य ससुरालियों के खिलाफ बिलारी कोतवाली में नीरज की हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया था। इस मामले में पीड़ित हरिराम सिंह ने आरोपित छत्रपाल के साथ ही अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस ने आरोपित छत्रपाल को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। मामले की विवेचना तत्कालीन सीओ चक्रमणि त्रिपाठी ने की थी, जो मौजूदा समय में वाराणसी में सीओ के पद पर तैनात हैं। पुलिस ने जांच के बाद कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी थी। मौजूदा समय में इस केस से संबंधित गवाहों के बयान दर्ज रहे हैं, अभी तक इस मामले में सात गवाहों के बयान दर्ज हो चुके हैं। जबकि इस मामले के विवेचक रहे सीओ चक्रमणि त्रिपाठी कोर्ट की सख्ती के बाद भी गवाही देने के लिए नहीं आए। कई बार वारंट जारी करने के बाद भी वह तारीखों पर गैरहाजिर रहे। एडीजे द्वितीय की कोर्ट ने लगातार गैरहाजिर रहने पर सीओ के खिलाफ कार्रवाई के आदेश जारी कर दिए। शासकीय अधिवक्ता ने बताया कि विवेचक कोर्ट में हाजिर नहीं हुए। जिस पर कोर्ट ने सख्त नाराजगी व्यक्त करते हुए उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर दिया। वहीं अग्रिम आदेश तक उनका वेतन जारी करने पर भी रोक लगा दी। 

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