आओ हँस लें : 04 जुलाई 2021 के अंक के लिए
माँ- सुन रानी, अब तेरी शादी होने वाली है, हम भारतीय स्त्रियाँ पति को ही अपना सब कुछ मानती है लेकिन ए
माँ- सुन रानी, अब तेरी शादी होने वाली है, हम भारतीय स्त्रियाँ पति को ही अपना सब कुछ मानती है लेकिन एक बात कभी नहीं मानती..
रानी- वो क्या?
माँ- पति का कहना..
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गप्पू (पुलिसवाले से)- जिस तरह चालान काटने का चलन है, उसी प्रकार कर्फ्यू में घर से बाहर निकलने वालों को कूटने के बाद रसीद देने का भी चलन होना चाहिए?
पुलिसवाला- वो क्यों?
गप्पू- जिससे दोबारा वे कूटे न जायें।
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पत्रकार- कवि महोदय, आपके अनुसार 'परिवर्तन' क्या होता है?
कवि (कविता के माध्यम से उत्तर देते हुए)- जो कभी लिपट जाया करती थी बादलों के गरजने पर, सच मानो वो आज बादलों से भी जियादा गरजती हैं।
(उदास होकर) बस, इसे ही 'परिवर्तन' कहते हैं।
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सास का धीरज टूटने पर बहू से बोली-
सास- तुझे दाल-चावल बनाना नहीं आता, मैं यह सह लूँगी, पर दूध सिम (धीमी आँच) पर गरम करने पर तू सिम-1 या सिम-2 पूछेगी, यह मेरी सहनशक्ति से बाहर है।
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अर्ज़ किया है-
कोरोना - ना इलाज है ना दवाई है।
ऐ इश्क, तेरे टक्कर की बीमारी अब आई है।