वैक्सीन नहीं लगवायी तो तमाम सुविधाओं से रह जाएंगे वंचित
- धीमे-धीमे सामने आती जा रही वैक्सीन लगवाने की महत्ता - कॉलिज में दाखिले से लेकर रेल यात्रा तक में
- धीमे-धीमे सामने आती जा रही वैक्सीन लगवाने की महत्ता
- कॉलिज में दाखिले से लेकर रेल यात्रा तक में अनिवार्य हो रहा वैक्सिनेशन प्रमाण पत्र
झाँसी : जी हाँ, खबर एकदम सही है। यदि आपने अभी तक वैक्सीन नहीं लगवायी है तो लगवा लीजिए, वरना कई कामों में परेशानी हो सकती है। यह ठीक वैसा ही हो रहा है, जैसा आधार कार्ड के लिए हुआ। धीमे-धीमे वैक्सीन लगवाने की महत्ता सामन आती जा रही है। हाल ही में कई ऐसे निर्णय हुए हैं, जिनकी वजह से वैक्सीन न लगवाने वालों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
कोरोना की शुरूआत से अभी तक तमाम ऐसे लोग हैं, जो कोरोना की जाँच कराने से बिदकते रहे। शासन-प्रशासन द्वारा प्रत्येक स्वास्थ्य केन्द्र पर ऐण्टिजन व महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलिज में आरटी-पीसीआर जाँच कराने की व्यवस्था की गई थी, पर तमाम लोग डर के कारण जाँच कराने से बचते रहे। इसका नतीजा भयावह रहा और देरी करने के कारण कई लोगों का ठीक से उपचार नहीं हो सका तो कई की जान चली गयी। अब ठीक वैसा ही रवैया वैक्सीन लगवाने को लेकर सामने आ रहा है। तीसरी लहर की सम्भावना को देखते हुए सरकार द्वारा 18 वर्ष से अधिक आयु के लोगों का वैक्सिनेशन शुरू करा दिया गया, ताकि अगर तीसरी लहर आये भी तो अधिक से अधिक युवा सुरक्षित हो सकें। इसके पहले से ही 45 वर्ष से अधिक आयु के लोगों का वैक्सिनेशन चल रहा है, पर बहुत से लोग हर आयु वर्ग में ऐसे हैं, जो वैक्सीन को लेकर भ्रान्तियों से घिरे हैं और वैक्सीन नहीं लगवा रहे। ऐसे लोगों को आने वाले समय में तमाम सुविधाओं से वंचित होना पड़ सकता है। हाल ही में कुछ इस प्रकार के निर्णय हुए भी हैं। मसलन, जिस राज्य में कोरोना के केस बढ़ जाते हैं, वहाँ यात्रा करने के लिए वैक्सिनेशन प्रमाण-पत्र माँगा जाने लगा है। इसके अलावा हाल ही में कानपुर विश्वविद्यालय व बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय ने आदेश जारी किया है कि जिन छात्रों ने दाखिले के लिए आवेदन किया है, उनके पास वैक्सिनेशन प्रमाण पत्र होना चाहिए। हालाँकि विश्वविद्यालय द्वारा अभी इसको लेकर छूट दी गयी है कि छात्र-छात्राएं वैक्सिनेशन प्रमाण पत्र न होने पर कोरोना जाँच रिपोर्ट दिखा सकते हैं, पर यह जाँच रिपोर्ट बहुत दिन तक नहीं चलने वाली। यानी, जल्द ही ऐसा भी हो सकता है कि विश्वविद्यालय में प्रवेश भी वैक्सिनेशन प्रमाण पत्र के आधार पर मिले। ऐसा इसलिए, क्योंकि पहली लहर में कोरोना के नेचर (व्यवहार) को लेकर बहुत अधिक जानकारी थी नहीं, पर अब हो गयी है। वैक्सीन ही इसका बचाव है, यह साफ हो चुका है, इसलिए वैक्सिनेशन प्रमाण पत्र का महत्व भी अब बढ़ने लगा है।
अस्पतालों में भी देखा जाने लगा प्रमाण-पत्र
अस्पतालों में उपचार कराने जा रहे मरीजों से कोरोना की जाँच रिपोर्ट तो पहले से ही माँगी जा रही है, अब यह पूछा भी जाने लगा है कि उन्होंने वैक्सीन लगवायी या नहीं। चिकित्सकों के अनुसार जल्द ही ऐसा भी हो सकता है कि उपचार के लिए वैक्सिनेशन प्रमाण-पत्र अनिवार्य कर दिया जाए। ऐसी स्थिति में उन लोगों के लिए समस्या खड़ी हो सकती है, जिन्होंने वैक्सीन नहीं लगवायी है। इसलिए सभी आयु वर्ग के लोगों से अपील है कि तुरन्त वैक्सीन लगवा लें, ताकि भविष्य में किसी प्रकार की परेशानी न हो।
फाइल : हिमांशु वर्मा
समय : 6.45 बजे
1 अगस्त 2021