अब नेपाल की भी सेहत का ख्याल रखेगा सिद्धार्थनगर

मेडिकल कालेज के प्राचार्य डा.सलिल श्रीवास्तव ने कहा कि यह मेडिकल कालेज भारत-नेपाल के संबंध को और मजबूती देगा। जब तक यहां जिला चिकित्सालय की इमरजेंसी थी इसमें एक चिकित्सक एक फार्मासिस्ट एक वार्ड ब्वाय होते थे लेकिन अब यहां चार सदस्यीय चिकित्सकों की एक टीम होगी।

By Satish Chand ShuklaEdited By: Publish:Sat, 24 Jul 2021 09:30 AM (IST) Updated:Sat, 24 Jul 2021 09:30 AM (IST)
अब नेपाल की भी सेहत का ख्याल रखेगा सिद्धार्थनगर
प्रधानमंत्री की जनसभा के लिए तैयार होता पंडाल .जागरण।

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। स्वास्थ सेवाओं को मजबूत करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कृत संकल्पित हैं। वह चाहते हैं कि हर जिले में एक मेडिकल कालेज हो। उनकी इस संकल्पना को साकार कर रहे हैं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ। प्रदेश में जैसे ही उनकी सरकार बनीं, उन्होंने नेपाल सीमा से सटे सिद्धार्थनगर जिला मुख्यालय पर मेडिकल कालेज का शिलान्यास कर दिया। आगामी 30 जुलाई को प्रधानमंत्री इसका उद्घाटन करने आ रहे हैं । सिद्धार्थनगर का यह मेडिकल कालेज भारत-नेपाल के रिश्तों को मजबूती देने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित होगा। यह मेडिकल कालेज महराजगंज, बलरामपुर जैसे जिलों के साथ नेपाल के करीब आधा दर्जन जिलों की सेहत का ख्याल रखेगा। यहां उनका आसानी से इलाज हो सकेगा।

सिद्धार्थनगर, बलरामपुर, संतकबीरनगर, महराजगंज के करीब 20 हजार से अधिक लोग प्रतिवर्ष नेपाल के भैरहवां में आंख के आपरेशन के लिए जाते हैं। इसकी प्रमुख वजह बेहतर संसाधन हैं। चिकित्सकों की बेहतर टीम है। इससे वहां आंख मरीजों का सफलता पूर्वक आपरेशन हो जाता है। लेकिन अब इन भारतीय मरीजों को उपचार के लिए नेपाल के भैरहवा जाने की जरूरत नहीं होगी, बल्कि उनका यहीं पर सफलता पूर्वक इलाज हो सकेगा। इसकी प्रमुख वजह है कि यहां अब सिर्फ नेत्र चिकित्सक ही नहीं, बल्कि उनकी एक फैकल्टी होगी। कहीं कुछ कठिनाई आएगी तो चिकित्सकों की टीम एक दूसरे से ग्रुप डिस्कशन करके जटिल से जटिल आपरेशन कर सकेगी। मेडिकल कालेज का उद्घाटन होने से सिर्फ नेत्र के रोगियों को ही नहीं, बल्कि सभी बीमारियों के उपचार में लोगों को इसका लाभ मिलेगा। ऐसे में सिद्धार्थनगर सहित आस-पास के जिलों के लोगों को इसका बड़ा लाभ मिलेगा। यह मेडिकल कालेज भारत-नेपाल के रिश्तों को और मजबूती प्रदान करेगा। नेपाल सीमा से यह मेडिकल कालेज करीब 14 किलोमीटर की दूरी पर है। ऐसे में सिद्धार्थनगर से सटे नेपाल के रूपनदेही, कपिलवस्तु सहित करीब छह जिलों के नागरिकों का यहां आसानी से उपचार हो सकेगा।

बढ़ेगी नेपाल के मरीजों की संख्या

जिला अस्पताल की ओपीडी रोजाना करीब 1200 मरीजों की है। इसमें करीब 300 मरीज नेपाल के होते हैं। इन मरीजों की संख्या में अब इजाफा होगा। प्राचार्य का कहना है मेडिकल कालेज में कुल 17 डिपार्टमेंट स्थापित होंगे। इसमें से नौ की सेवाएं 30 जुलाई से ही शुरू हो जाएंगी। इन सेवाओं की शुरुवात के साथ यहां नेपाल के मरीजों की संख्या भी बढ़ेगी।

कालेज को मिले यह चिकित्सक

जिला अस्पताल का मेडिकल कालेज में विलय होने के बाद वहां मौजूद चिकित्सकों के अलावा उसे 50 जूनियर रेजीडेंट, 6 सीनियर रेजीडेंट मिल चुके हैं। 15 सीनियर रेजीडेंट और करीब 40 फैकलिटी के लोग आने वाले हैं।

बदलेगी की इमरजेंसी उपचार की व्यवस्था

मेडिकल कालेज के प्राचार्य डा.सलिल श्रीवास्तव ने कहा कि यह मेडिकल कालेज भारत-नेपाल के संबंध को और मजबूती देगा। जब तक यहां जिला चिकित्सालय की इमरजेंसी थी, इसमें एक चिकित्सक, एक फार्मासिस्ट, एक वार्ड ब्वाय होते थे, लेकिन अब यहां चार सदस्यीय चिकित्सकों की एक टीम होगी, जो जरूरत पडऩे पर मेडिकल कालेज आने वाले मरीज को वाहन में ही उपचार उपलब्ध कराएगी।

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